लखनऊ। यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी लेकर चिराग जलता है… इन पंक्तियों से उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में अपनी सरकार का 5वां व पूर्ण बजट 2021-22 पेश किया। इस सत्र का कुल बजट 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ का है। जबकि 2020-21 में बजट 5.12 लाख करोड़ रुपए का था। इस साल बजट 38 हज़ार करोड़ रुपए ज्यादा है। वित्र मंत्री ने कहा कि यह बजट समावेशी विकास पर केंद्रित है। वर्ष 2020 चुनौतियों से भरा रहा। बावजूद इसके योगी सरकार ने अच्छा काम किया।
भूतपूर्व सैनिकोंं को समूह ख की नौकरियों में आरक्षण विधेयक मंजूर
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आज सुबह कैबिनेट बैठक में जाने से पहले बजट के सूटकेस के साथ घर में पूजा पाठ किया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में बजट 2021-22 को मंजूरी दी गई है। चालू वित्तीय वर्ष में कुल बजट 5.13 लाख करोड़ है। कोरोना काल के बाद कैबिनेट की यह पहली बैठक थी, जिसमें समस्त कैबिनेट मंत्रियों व प्रस्ताव से जुड़े राज्यमंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) को प्रत्यक्ष रूप से बुलाया गया था।
इसके पूर्व प्रस्ताव से जुड़े मंत्री बैठक में शामिल होते थे, जबकि अन्य मंत्री वर्चुअल तरीके से जुड़ते थे। इस बैठक में वित्त वर्ष 2021-22 के आय-व्यय (बजट) व इससे जुड़े विनियोग विधेयक तथा भूतपूर्व सैनिकों को समूह ‘ख’ की नौकरियों में आरक्षण से संबंधित विधेयक के मसौदे को भी मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष अक्तूबर में भूतपूर्व सैनिकों को समूह ‘ख’ के पदों पर पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उन्होंने इस निर्णय पर अमल के लिए कार्मिक विभाग को यूपी लोक सेवा अधिनियम-1993 की धारा(1) खंड (एक-क) में संशोधन की कार्यवाही का निर्देश दिया था।
साइकिल से सदन के लिए निकले कांग्रेसी विधायक
विधानसभा में आज विपक्ष ने योगी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। पेट्रोल-डीजल एवं गैस के बढ़ते दामों के विरोध में आज कांग्रेस विधायक बहुखंडी मंत्री आवास से साइकिल से विधानसभा के लिए निकले हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू एवं विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह साइकिल से सदन के लिए रवाना हुए।
हर साल इस तरह बढ़ा बजट, कब किस पर रहा आधारित?
प्रदेश में BJP की सरकार बनने के बाद से हर साल बजट का आकार बढ़ा है। सरकार ने अपना पहला बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ का बजट पेश किया था। इसके बावजूद जनता पर बिना कोई टैक्स बढ़ाए 86 हजार किसानों की 36 हजार करोड़ की कर्जमाफी और सातवें वेतन आयोग के रूप में करीब 36 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे। CM योगी का अब पांचवां बजट भी भारी भरकम होने का अनुमान है।
साल | धनराशि (लाख करोड़ में) | लक्षित वर्ग |
2020-21 | 5.12 | युवा वर्ग |
2019-20 | 4.79 | महिला सशक्तिकरण |
2018-19 | 4.28 | औद्योगिक विकास |
2017-18 | 3.84 | किसान |