नई दिल्ली। बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान और गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापकों की भर्ती बिना सभी पदों को भरे अचानक से बीच में रोकने का कारण सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है। 18 मई को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से अगली तारीख पर सेवा नियमावली और भर्ती रोकने के निर्णय लेने संबंधी ओरिजिनल फाइल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई अगस्त में होनी है।
प्रदेश सरकार ने 23 मार्च 2017 को मौखिक आदेश से भर्ती रोक दी थी। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं की। हाईकोर्ट ने मौखिक आदेश को दरकिनार करते हुए दो महीने में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया, लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना।
सरकार ने हाईकोर्ट में ही स्पेशल अपील और पुर्नविचार याचिकाएं दायर की लेकिन दोनों खारिज हो गईं। इसके बाद अभ्यर्थियों ने भर्ती न होने पर अवमानना याचिका दाखिल की। इससे बचने के लिए सरकार ने मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल अपील की, जिसकी सुनवाई चल रही है।
नौ साल में पूरी नहीं हो सकी भर्ती
11 जुलाई 2013 को शुरू हुई भर्ती तकरीबन नौ सालों में पूरी नहीं हो सकी है। पिछले तीन साल से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अभ्यर्थी आलोक चौधरी और मनोज कुमार ने बताया कि जनवरी-फरवरी 2015 तक सात राउंड की काउंसिलिंग के बाद 26115 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था।
उसके बाद टीईटी में 82 अंकों के आधार पर सफल अभ्यर्थियों की आठवें राउंड की काउंसिलिंग कराई गई और जनवरी-फरवरी 2016 में नियुक्ति पत्र दिया गया। इस बीच पूर्व में काउंसिलिंग करा चुके, लेकिन ज्वाइनिंग से वंचित अभ्यर्थियों को नवंबर 2016 में नियुक्ति का अंतिम अवसर मिला। उनकी प्रक्रिया चल रही थी कि सरकार ने भर्ती रोक दी।