नई दिल्ली। दुनियाभर के देश कोरोना वायरस के संक्रमण से परेशान है। चीन दिसंबर 2019 से ही महामारी के प्रकोप को झेल रहा है और रविवार को चीन ने घोषणा की कि अब उसके देश में कोरोना को कोई भी मरीज नहीं रह गया है।
इसी तरह से जो देश अभी तक कोरोना के कहर से परेशान है या जिन देशों में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा कम होने लगा है वो ये विचार कर रहे हैं कि कोरोना से कब तक छुटकारा मिलेगा। दुनिया का हर देश अब कोरोना से छुटकारे की संभावित तिथि पर चर्चा कर रहा है। ऐसे में अलग-अलग देशों के रिसर्चर कोरोना के खत्म होने की अलग-अलग डेट बता रहे हैं। मगर वैश्विक स्तर पर यही कहा जा रहा है कि कोविड-19 का प्रकोप दिसंबर तक ही कम हो पाएगा। उससे पहले सभी को एहतियात बरतनी होगी।
सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन ने कोरोना संकट के खत्म होने की तारीख बताई है, जो इस महामारी से जूझते लोगों और देशों में उम्मीद जगाती है। यूनिवर्सिटी ने दुनिया के विभिन्न देशों में कोरोना संकट खत्म होने की तारीख बता दी है। यूनिवर्सिटी का अनुमान है कि इस महामारी का जीवन चक्र कई देशों में अंतिम अवस्था की ओर बढ़ रहा है।
सर (ससेप्टेबल-इंफेक्टेडरिकवर्ड) मॉडल के जरिए 130 देशों के डाटा का अध्ययन किया गया है। उस अध्ययन के बाद ये तय किया गया है कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 का प्रकोप पूरी तरह से दिसंबर तक ही कम हो पाएगा। जिन प्रदेशों या राज्यों में कोरोना संक्रमण के कम मामले देखने को मिले हैं वहां इससे पहले राहत मिल जाएगी मगर जहां इनका प्रकोप अधिक हुआ है वहां ये इस साल के अंत तक ही पूरी तरह से खत्म हो पाएंगे।
यूनिवर्सिटी की डेटा ड्रिवन इनोवेशन लैब ने विभिन्न देशों के मौजूदा आंकड़ों को आधार मानकर यह अनुमान जताया है। वहीं वैश्विक स्तर पर कोविड-19 का प्रकोप दिसंबर तक ही कम हो सकेगा। अमेरिका, इटली, स्पेन, फ्रांस, यूरोप जैसे देश कोरोना संक्रमण से अभी भी बुरी तरह से जूझ रहे हैं, अमेरिका में 51 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों लोग अस्पताल में भर्ती हैं और अपना इलाज करवा रहे हैं।
यदि दुनिया की बात करें तो कोरोना 19 फरवरी को कोरोना से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ। अब तक 2 लाख 3 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। 29 लाख 23 हजार लोग इससे संक्रमित हैं, दुनियाभर में 8 लाख 37 हजार लोग इससे ठीक भी हुए हैं।
महाशक्तिशाली देश अमेरिका में 29 फरवरी के बाद से कोरोना का प्रकोप देखने को मिला। यहां अब तक 54 हजार 265 लोग मर चुके हैं। 9 लाख 60 हजार 896 लोग इससे संक्रमित हुए, एक लाख 18 हजार 162 लोग ठीक होकर अपने घरों को वापस पहुंचे। अमेरिका में 11 मई तक 97 फीसद, 23 मई तक 99 फीसद और 26 अगस्त तक कोरोना से 100 फीसद रिकवरी होनी की उम्मीद है।
ब्रिटेन में भी 29 फरवरी से इसका संक्रमण देखने को मिला। यहां एक लाख 48 हजार 377 लोग इससे संक्रमित हुए, इनमें से 20 हजार 319 लोगों की मौत हो गई और अभी तक 4 हजार 913 नए मामले भी सामने आ चुके हैं। यहां 15 मई तक 97 फीसद, 26 मई तक 99 फीसद और 13 अगस्त तक कोरोना से 100 फीसद रिकवरी होने की उम्मीद है।
यदि भारत की बात करें तो 10 मार्च से कोरोना का प्रकोप दिखना शुरू हुआ। अब तक 26 हजार 917 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं, यहां 5 हजार 914 लोगों की जान जा चुकी है। यहां पर इससे छूटकारे के लिए 21 मई तक 97 फीसद, 31 मई तक 99 फीसद और 25 जुलाई तक 100 फीसद छूटकारा मिल जाने की उम्मीद है।
रुस में भी 20 मार्च से कोरोना का प्रकोप दिखने लगा। यहां अब तक 74 हजार 588 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें 681 लोगों की मौत हुई है और 6250 लोग ठीक होकर अपने घर को वापस गए हैं। रूस में 19 मई तक 97 फीसद, 27 मई तक 99 फीसद और 19 जुलाई को 100 फीसद कोरोना संकट खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है।
ईरान 21 नवंबर तक कोरोना संकट पूरी तरह से खत्म होने की उम्मीद है। ईरान में 29 फरवरी को कोरोना संक्रमण की शुरूआत हुई थी। ईरान में अब तक 89 हजार 328 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं, इसमें से 5 हजार 650 लोगों की मौत हो चुकी है, 68 हजार 193 लोग ठीक हो चुके हैं। यहां 19 मई तक 97 फीसद, 8 जून तक 99 फीसद और 21 नवंबर तक 100 फीसद संकट से छुटकारा मिलने की उम्मीद है।
सबसे बुरा हाल इटली का रहा है। इटली में भी फरवरी माह में ही कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाने लगे। यहां पर अब तक कुल 1 लाख 95 हजार 351 केस सामने आ चुके हैं। इसमें से 26 हजार 384 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें से 63 हजार 120 लोग ठीक हुए हैं। इटली में कोरोना संकट 7 मई तक 97 फीसद, 20 मई तक 99 फीसद और 24 अगस्त तक 100 फीसद खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है।