उन्नाव । कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय की अध्यक्षता में पीएम-किसान लाभार्थियों के केसीसी से संतृप्ति के लिए अभियान हेतु ज़िला स्तरीय समन्वय समिति (डीसीसी) की विशेष बैठक का आयोजन किया गया।
भारत सरकार द्वारा सभी पीएम-किसान लाभार्थियों के लिए सस्ती/रियायती दर पर संस्थागत ऋण तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए 15 दिन का एक विशेष अभियान के तहत प्रारम्भ किया गया है जिसके अंतर्गत सभी पीएम-किसान लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी किया जाएगा। इस अभियान के सफल कार्यान्वयन हेतु बैठक में नाबार्ड की डीडीएम, एलडीएम, सभी बैंकों के समन्वयक तथा ज़िला विकास अधिकारी, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, पंचायती राज, मनरेगा, एनआरएलएम आदि ऐसे सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे जिनके माध्यम से इस अभियान को गाँव-गाँव तक पहुंचाया जा सके।
जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पाण्डेय ने बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिये कि वे इस अभियान के दौरान सभी बैंक शाखाओं के बाहर केसीसी अभियान का बैनर लगाना सुनिश्चित करें, शाखा के भीतर केसीसी हेतु एक अलग डेस्क/काउंटर खोलें, सरलीकृत आवेदन फार्म तथा पात्र किसानों की सूची तैयार करें जिनके पीएम-किसान खाते तो हैं पर उन्हें बैंक से केसीसी की सुविधा नहीं प्रदान की गई है। इस सूची को ग्राम स्तर पर विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों/जन प्रतिनिधियों के साथ भी साझा किया जाएगा ताकि ऐसे किसानों से संपर्क कर केसीसी बनवाने में उनकी मदद की जा सके।
जिलाधिकारी ने बैंकों को निर्देशित किया कि पात्र किसानों से अतिरिक्त दस्तावेज़ों की मांग किए बिना पीएम-किसान खाते में मौजूद सूचना तथा केवाईसी विवरण के आधार पर केसीसी लिमिट स्वीकृत की जाये। साथ ही जिन किसानों के पास केसीसी है पर वो उसकी लिमिट बढ़वाना चाहते हैं उनको पात्रता के अनुरूप बढ़ी लिमिट स्वीकृत की जाए, जिनके केसीसी निष्क्रिय हैं उनको एक्टिवेट किया जाए और पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए भी केसीसी बनाये जाएँ। साथ ही बैंकों द्वारा केसीसी के लिए प्राप्त सभी आवेदनों का अधिकतम 15 दिन में निस्तारण किया जाये।
बैठक के दौरान उपस्थित कॉमन सर्विस सेंटर के ज़िला प्रबन्धक को भी निर्देश दिया गया कि वे सभी जन सुविधा केन्द्रों के माध्यम से केसीसी का एक पृष्ठीय सरलीकृत आवेदन भरवाने तथा जागरूकता फैलाने में योगदान दें।
जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि सभी विभागीय अधिकारियों के माध्यम से फील्ड स्तर के कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूहों, तथा ग्राम स्तर पर उपलब्ध हर प्रकार के एक्सटेंशन स्टाफ को इस अभियान के प्रचार प्रसार व पात्र किसानों के फॉर्म भरवा कर उन्हें बैंक शाखाओं तक लाने हेतु प्रयोग किया जाएगा।
पशुपालन और मत्स्य पालन गतिविधि से जुड़े किसान भी केसीसी बनवा सकते हैं। साथ ही ऐसे किसान जो केसीसी धारक हैं और पशुपालन या मत्स्य पालन गतिविधियाँ भी करते हैं, वे अतिरिक्त सीमा की स्वीकृति के लिए शाखा से संपर्क कर सकते हैं। इस प्रकार फ़सली ऋण तथा पशुपालन और मत्स्य पालन मिला कर कुल रु 3लाख तक के केसीसी पर 7 प्रतिशत ब्याज दर लागू होगी जिसमें समय से अदायगी करने पर मात्र 4 प्रतिशत ब्याज देय होगा।