कोलकाता। भीषण चक्रवाती तूफान अम्फन धीरे-धीरे पश्चिम बंगाल और ओडिशा के समुद्र तट के करीब पहुंचता जा रहा है। पश्चिम बंगाल के दीघा समुद्र तट से इसकी दूरी महज डेढ़ सौ किलोमीटर से भी कम रह गई है। अलीपुर स्थित मौसम विभाग के क्षेत्रीय मुख्यालय ने बुधवार दोपहर को एक बयान में बताया है कि यह तूफान पश्चिम बंगाल के 6 और ओडिशा के 12 जिलों में भीषण तबाही मचाएगा।
समुद्र तट से टकराने के समय इसकी गति कम से कम 165 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकतम 200 किलोमीटर हो सकती है। बेहद गंभीर तूफान में बदलते हुए बुधवार को दोपहर से शाम के बीच पश्चिम बंगाल के दीघा तट से टकराएगा। तूफान से कोलकाता, हुगली, हावड़ा, दक्षिणी और उत्तर 24 परगना और मिदनापुर जिलों में भारी नुकसान हो सकता है।
मौसम विभाग के पूर्वी क्षेत्रीय उप निदेशक संजीव बनर्जी ने बताया कि इन दोनों राज्यों में तबाही मचाने के साथ-साथ पश्चिम बंगाल से सटे देश के दूसरे सबसे छोटे राज्य सिक्किम पर भी चक्रवात का प्रभाव पड़ेगा। यहां कई इलाकों में भारी बारिश के साथ तेज आंधी चल सकती है। राज्य के तराई इलाकों में भी हल्की बारिश होगी। असम और मेघालय के कई हिस्सों में 21 मई तक भारी बारिश हो सकती है। दक्षिण भारत के दो राज्यों केरल और कर्नाटक के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ तीन दिन तक भारी बारिश का अनुमान है।
बिहार में तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावना बनी हुई है। 15 मई को विशाखापट्टनम से 900 किमी दूर दक्षिण-पूर्व की ओर दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में कम दबाव और फिर गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बनना शुरू हुआ। 17 मई को जब यह दीघा से 1200 किमी दूर था, तब यह चक्रवात में तब्दील हो गया और उत्तर-उत्तर पश्चिम की दिशा में 8 किमी/घंटा की गति से बढ़ने लगा। फिर 18 मई की शाम यह सुपर साइक्लोन में बदल गया है।
इस बीच, तूफान के चलते केरल, असम समेत 08 अन्य राज्यों में बारिश हो रही है। हालांकि उत्तर और मध्य भारत पर सुपर साइक्लोन का असर नहीं होगा। संजीव ने बताया कि तूफान से सबसे भारी तबाही पश्चिम बंगाल और ओडिशा के 18 जिलों में होगी। सावधानी बरतते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने चार लाख लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया है जबकि ओडिशा में ग्यारह लाख लोग समुद्र तटों से सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किए गए हैं।