भूख से रोती रही दुधमुंही बच्ची, फिर भी नहीं पसीजे पुलिसकर्मी…

-न्यूज 7 एक्सप्रेस ब्यूरो

-महिला का पति मारपीट के आरोप में है नामजद, चल रहा फरार
-सुबह से शाम तक बैठाया थाने में, दी यांतानायें और किया अभद्र व्यवहार
-मां के आंचल की तलाश में भूखी बच्ची बिलखती रही, नहीं पसीचा दिल

लखनऊ। राजधानी की कैण्ट पुलिस का संवेदनहीन कारनामा सामने आया है। मारपीट के आरोपित तलाश में जुटी महिला इंस्पेक्टर उसकी पत्नी को थाने उठा लाई। आरोपित की पत्नी के हांथ से 6 माह की बच्ची को छीनकर परिजनों के हवाले किया। महिला को यातनायें दीं, पति को थाने बुलाने के लिए दबाव डालते हुए उससे र्दुव्यवहार किया। सुबह 7 बजे से शाम तक थाने में महिला को बैठाये रखा। दूध मुंही बच्ची को भूख लगने पर वह मां का आंचल तलाशती हुई रोती रही। बर्दाश्त न होने पर बच्ची को परिजन थाने लेकर पहुंचे। थाने में ही बैठकर पीडि़त महिला ने बच्ची को दूध पिलाया। इसके बावजूद भी पुलिस कर्मियों का दिल नहीं पसीचा। मामला मीडिय़ा तक पहुंचने पर पुलिस ने महिला को धमकी देते हुए छोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक हाल ही कैण्ट के दिलकुशा डेयरी फार्म वार्ड से पार्षद जगदीश प्रसाद उर्फ काले का किसी बात को लेकर वहीं रहने वाले मुन्ना यादव से विवाद हो गया। इसी को लेकर दोनों पक्ष आपस में बात करने के लिए मिले। इस दौरान मुन्ना यादव के साथ विक्की यादव और आशू भी मौजूद थे। बताया जाता है कि दोनों पक्षों में कहासुनी होने लगी, जो मारपीट में तब्दील हो गई। हालांकि उस समय वहां मौजूद कुछ लोगों ने उन लोगों में समझौता करवा दोनों पक्षों को वहां से चलता कर दिया। बाद में जगदीश प्रसाद ने कैण्ट थाने में मुन्ना यादव, विक्की और आशू के खिलाफ मारपीट, असलहा लहराते हुए एक लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए कैण्ट पुलिस को तहरीर दी थी।

पुलिस ने उसकी तहरीर पर मारपीट व हरिजन एक्ट में मुकदमा दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरु की। इसी मामले में विक्की यादव अभी फरार है। परिजनों के मुताबिक विक्की की तलाश में आए दिन पुलिस उसके घर पर दबिश देने के साथ ही उन लोगों से अभद्रता करती है। विक्की की पत्नी मोहिनी यादव ने बताया कि गुरुवार सुबह पुलिस उसके घर पर पहुंची और विक्की के बारे में पूछताछ करने लगी। परिजनों ने जब पुलिस से विक्की के बारे में कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया तो बौखलाई पुलिस ने मोहिनी को ही गाड़ी में बैठा लिया। मोहिनी के मुताबिक उसके हाथ में उस वक्त उसकी छह माह की दुधमुंही बेटी थी, पुलिस ने बच्ची को मोहिनी की सास की गोद में दे दिया और उसे लेकर थाने ले आई।

पीडि़ता के मुताबिक पुलिस उस पर दबाव बना रही थी कि पति को फोन कर उसे थाने बुलाए। वहीं वहां मौजूद महिला सिपाहियों ने उसके साथ अभद्रता भी की। ऊधर घर में मौजूद उसकी छह माह की बेटी को जब भूख लगी तो उसने रोना शुरु कर दिया, जिस पर मोहिनी की सास और उसकी ननद बेटी को लेकर थाने पहुंची। इस दौरान महिला मासूम बच्ची को गोद में लेकर थाने में बैठी रही, फिर भी वहां मौजूद किसी भी पुलिसकर्मी को तरस नहीं आया, जबकि कैण्ट थाने की प्रभारी भी एक महिला है।

मामला तूल पकड़ता देख पीडि़ता को छोड़ा

बताया जाता है कि सुबह सात बजे से लेकर शाम तीन बजे तक जब पुलिस ने मोहिनी को नहीं छोड़ा तो उसके परिजनों ने परिचितों को इस बारे में बताया। तब लोग थाने पहुंचने लगे। इधर इस बात की भनक मीडियाकर्मियों को लगी तो उन लोगों ने इंस्पेक्टर को फोन कर मामले की जानकारी लेना शुरु कर दी। तब मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस ने आनन-फानन में मोहिनी को उसकी सास के सुपुर्द कर दिया। मोहिनी के मुताबिक थाने जाते वक्त पुलिस ने उसे धमकी देते हुए कहा कि पति को जल्दी से हाजिर करा दो वर्ना अंजाम बुरा होगा।

वृद्घ पिता को भी पकड़कर ला चुकी है पुलिस

परिजनों का कहना है कि विक्की के न मिलने पर दो दिन पहले कैण्ट पुलिस उसके निर्दोष पिता को भी थाने ले आई थी। उन्हे पूरा दिन थाने में बैठाकर बेटे को बुलाने के लिए दबाव बनाती रही, लेकिन पिता ने बेटे के बारे में कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया। बाद में देर शाम इलाके के संभ्रान्त लोगों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने विक्की के पिता को ये कहते हुए छोड़ा कि 24 घंटे के अंदर विक्की को हाजिर करवा दो।

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