मुंबई में D गैंग फिर एक्टिव: नया मॉड्यूल बनाया, ट्रेनिंग के लिए लड़कों को पाकिस्तान भेजा

नई दिल्ली। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को मुंबई में ड्रग्स और अवैध प्रॉपर्टी के जरिए टेरर फंडिंग के सबूत मिले हैं। इसके पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का सिंडिकेट काम कर रहा है। ISI की मदद से आतंक का नया मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है।

NIA की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, दाऊद गैंग के लोग पाकिस्तान के सपोर्ट वाले आतंकी संगठनों तक फंड पहुंचा रहे हैं। इस वजह से मुंबई, ठाणे और आसपास के इलाकों में फिरौती, सट्टेबाजी, बिल्डरों को धमकी और ड्रग्स का कारोबार बढ़ा है।

अंडरवर्ल्ड को फिर खड़ा करने की कोशिश
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ATS, दिल्ली पुलिस, NIA और ED की टीम ने टेरर फंडिंग में शामिल लोगों को पकड़ा है। आरोपियों के D कंपनी के विदेश में फैले नेटवर्क, दाऊद के भाई अनीस इब्राहिम, छोटा शकील और टाइगर मेमन के साथ रिश्ते हैं।

मुंबई से पैसे जुटाकर यूपी-बिहार में स्लीपर सेल को फंडिंग
अंडरवर्ल्ड के खिलाफ काम कर चुके महाराष्ट्र पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दाऊद गैंग दोबारा मुंबई और आसपास के इलाके को टारगेट कर रहा है। यहां से जमा फंड से यूपी-बिहार समेत उत्तर भारत के राज्यों में स्लीपर सेल को जिंदा किया जा रहा है।

दाऊद का भाई इकबाल देख रहा काम
जांच एजेंसियों के मुताबिक, भारत में दाऊद का पूरा काम उसका भाई इकबाल कासकर देख रहा है। वह दाऊद के राइट हैंड छोटा शकील के संपर्क में था। ठाणे के बिल्डर सुरेश देवीचंद मेहता की शिकायत पर इकबाल अभी जेल में है। उसने मेहता से तीन करोड़ की फिरौती मांगी थी।

बिल्डरों से वसूली फंड का बड़ा सोर्स
NIA की जांच में पता चला कि दाऊद गैंग के लोग छोटा शकील और दाऊद इब्राहिम के नाम पर बिल्डरों से वसूली कर रहे हैं। गैंग से जुड़े लोग विवादित प्रॉपर्टी पर भी कब्जा कर रहे हैं। मुंबई से अरेस्ट सलीम फ्रूट के पास 10 हजार पन्नों के प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट मिले थे। इनमें ज्यादातर सलीम फ्रूट के नाम पर हैं। सलीम अनीस इब्राहिम का रिश्तेदार है।

इसी से NIA को शक हुआ कि बिल्डरों से वसूली D गैंग के लिए की जा रही है। हालांकि, कुरैशी के वकील विकार राजगुरु ने दावा किया कि सलीम रियल एस्टेट एजेंट है।

सबसे ज्यादा कमाई ड्रग्स से
दाऊद गैंग MDMA, LSD और केटामाइन ड्रग्स की तस्करी कर रहा है। इसी से सबसे ज्यादा कमाई हो रही है। दो साल में NCB और नारकोटिक्स सेल ने लगभग दो हजार करोड़ की ड्रग्स मुंबई और आसपास से बरामद की है।

ड्रग्स की तस्करी में इस साल 4 अगस्त को जुबैर वैद मेमन और 4 फरवरी को अबू बकर अब्‍दुल गफूर शेख को पकड़ा गया था। पिछले साल भी 3 लोग अरेस्ट किए गए थे।

लश्कर, जैश और अल कायदा को भेजा पैसा
दाऊद इब्राहिम अंडरवर्ल्ड 2.0 का सेटअप तैयार करने के लिए अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की मदद ले रहा है। NIA की पूछताछ में सलीम फ्रूट ने ये बात कबूली है। उसे मुंबई सेंट्रल के मीर अपार्टमेंट से अरेस्ट किया गया था।

सलीम से बताया कि प्रॉपर्टी डीलिंग और बड़े कारोबारियों के विवाद निपटाने के बदले मिले रुपए लश्कर, जैश और अल कायदा को भेजे गए। ड्रग्स और गोल्ड स्मलिंग से कमाया पैसा भी आतंकी संगठनों को डायवर्ट किया गया है।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भी उसका साथ दे रही है। छोटे शहरों के लड़कों को लालच देकर पाकिस्तान में ट्रेनिंग सेंटर्स में भेजा जा रहा है। ये वही ट्रेनिंग सेंटर हैं, जहां मुंबई हमले के दोषी कसाब को ट्रेनिंग दी गई थी। दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए 7 आतंकियों में से कुछ ने पाकिस्तान में ट्रेनिंग की बात कबूली है। पूरे ऑपरेशन को अनीस इब्राहिम देख रहा है।

पैसे और ट्रेनिंग की जिम्मेदारी अनीस इब्राहिम के पास
NIA के सोर्स के मुताबिक, धारावी से गिरफ्तार समीर कालिया ने पूछताछ में बताया कि ISI के कर्नल गाजी के कहने पर अनीस इब्राहिम मुंबई और देश के दूसरे हिस्सों में स्लीपर सेल फिर एक्टिव कर रहा है। अनीस की जिम्मेदारी ट्रेंड आतंकियों को पैसा, हथियार और बारूद मुहैया करवाने की थी। अनीस ने ही समीर कालिया को यह काम सौंपा था।

क्रिप्टो करेंसी के इस्‍तेमाल की जांच कर रही ED
NIA के मुताबिक, इस बार D गैंग अंडरवर्ल्ड नेटवर्क को बड़ा करने के लिए डार्कनेट और क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहा है। ED ने इसकी जांच शुरू की है। पैसे को हवाला ट्रांजैक्‍शंस के जरिए वॉलेट में भेजा जाता है। फिर उन वॉलेट का इस्‍तेमाल प्रॉपर्टी खरीदने में होता है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) इसका सबसे बड़ा सेंटर है। यह दाऊद का गढ़ भी है। दाऊद के पास UAE में पैसा भेजने के लिए हवाला का मजबूत नेटवर्क है।

गुर्गों से बातचीत के लिए खास ऐप
आरिफ और शब्बीर की गिरफ्तारी के बाद NIA को सबूत मिले हैं कि छोटा शकील और दाऊद अपने गुर्गों से खास तरह के ऐप से बातचीत करते हैं। इनमें न्यूमेरो, बोटिम, वाइबर और टैंगो शामिल हैं।

यूपी ATS के एक अधिकारी ने बताया कि न्यूमेरो एप्लिकेशन के लिए इंटरनेशनल सिम खरीदनी पड़ती है। D गैंग के गुर्गे सिम खरीदने के लिए यूनिवर्सल क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं। ये अलग-अलग नामों से लिए जाते हैं। इसलिए नंबरों और लोगों को ट्रेस करना मुश्किल होता है।

2015 से धीरे-धीरे एक्टिव होने लगा दाऊद इब्राहिम
ED के एक अधिकारी के मुताबिक, 1993 ब्लास्ट के बाद देश से फरार हुआ दाऊद इब्राहिम 2015 में फिर से एक्टिव होने लगा। जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी हुई और ED ने उसके करीबियों, रिश्तेदारों और गुर्गों की प्रॉपर्टी भारत समेत मोरक्को, स्पेन, UAE, सिंगापुर, थाईलैंड, साइप्रस, टर्की, और ब्रिटेन में ट्रैक करना शुरू किया।

दाऊद से जुड़ी ये 3 खबरें भी पढ़ें…
1. पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान ने दाऊद इब्राहिम से पैसा लिया

पाकिस्तान के इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट अबसार आलम ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि पूर्व PM इमरान खान और उनकी पार्टी को दाऊद इब्राहिम से मोटी रकम मिली थी। अबसार आलम वही जर्नलिस्ट हैं, जिन पर 2021 में फौज और इमरान के खिलाफ खुलासा करने के बाद फायरिंग की गई थी। उन्हें दो गोलियां लगी थीं।

2. दाऊद ने शुरू किया था फिल्मों की पाइरेसी का धंधा, VCR से मदद मिली
1980 में दाऊद इब्राहिम का एक रैकेट था, जो बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों की पाइरेसी कर पूरे देश में सर्कुलेट करता था। इसकी शुरुआत देश में VCR प्लेयर आने के साथ हुई थी। तब फिल्में देखने का इकलौता जरिया सिनेमाघर थे। VCR की मदद से सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली फिल्मों की कॉपी बेची जानी लगी।

3. क्राइम रिपोर्टर रहते दाऊद से मिले थे संजय राऊत, फटकार भी लगाई थी
शिवसेना सांसद संजय राऊत 80 के दशक में मुंबई में क्राइम रिपोर्टिंग करते थे। दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन और अंडरवर्ल्ड पर लिखी उनकी रिपोर्ट्स की मुंबई में खूब चर्चा होती थी। 16 जनवरी 2020 को एक कार्यक्रम में संजय राउत ने माना था कि एक बार उन्होंने दाऊद को फटकार लगाई थी।

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