नई दिल्ली। भ्रष्टाचार को हथियार बनाकर दिल्ली की सत्ता पाने वाले आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविन्द केजरीवाल का कार्यकाल शुरू से ही विवादों में रहा है। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से कथित मारपीट के मामले में गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत देते हुए जमानत दे दी। पटियाला हाउस कोर्ट ने इन सभी लोगों को 50-50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी है। हालांकि विदेश जाने के लिए इन लोगों को कोर्ट से इजाजत लेनी होगी। मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट के आदेश पर गुरुवार केजरीवाल, सिसोदिया के अलावा अन्य आप विधायक कोर्ट में पेश हुए। दरअसल, पिछली सुनवाई में पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत 13 लोगों को आरोपी के तौर पर समन जारी किया था। कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को 25 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने मारपीट, आपराधिक साजिश रचने, मारपीट के लिए उकसाने जैसी अलग अलग धाराओं के तहत संज्ञान लिया था। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया है, इसके अलावा 11 विधायकों को भी आरोपी बनाया गया है, कुल 13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाख़िल की गई थी।
सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल को छोड़कर सभी आरोपियों को 50,000 रुपये के निजी बॉन्ड पर जमानत दे दी गई। खान और जारवाल को दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही जमानत दे चुका है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री सुबह करीब 10 बजे एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट समर विशाल की कोर्ट में हाजिर हुए। ज्ञात हो कि कोर्ट ने 18 सितंबर को पुलिस चार्जशीट में लगाए गए आरोपों पर संज्ञान लेते हुए सभी को समन भेजा था। चार्जशीट के मुताबिक, चीफ सेक्रटरी पर 19 फरवरी की रात सीएम आवास पर उस वक्त हमला हुआ, जब वह सीएम के बुलावे पर देर रात वहां मीटिंग के लिए गए थे। 1300 पन्नों वाली चार्जशीट पर विचार के बाद अदालत ने आईपीसी के तहत 186, 332, 353, 342, 323, 506(ii) और आपराधिक साजिश के लिए उकसाने के आरोपों पर संज्ञान लिया था।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी को कथित तौर पर सीएम आवास पर देर रात मीटिंग के बहाने बुलाकर पीटा गया था जिसकी मेडिकल रिपोर्ट में भी पुष्टि हुई थी। पुलिस को जांच में कई सबूत भी मिले थे। सीएम आवास के सीसीटीवी कैमरों का टाइम भी पीछे किए जाने की बात सामने आयी थी।