लखनऊ। बिहार और यूपी के शेल्टर होम्स की खराब हालत किसी से छिपी नहीं है। बिहार के शेल्टर होम की गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी। जिसके बाद यूपी सरकार ने भी अपने प्रदेश में सभी शेल्टर होम्स की जांच का आदेश दिया था। इस दौरान देवरिया से लेकर कई जगह कई औरतों के गायब होने की बात सामने आयी थी। अब नया मामला रोशनी में आ गया है उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में एक आवासीय बालिका विद्यालय से कई बच्चियों के गायब होने का मामला सामने आया है। कुशीनगर के पडरौना शहर से मात्र कुछ ही किलोमीटर की दूसरी पर स्थित खिरकिया में एसडीएम ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का निरीक्षण किया तो वहां 12 बालिकाएं मौजूद नहीं थी। इसके बाद एसडीएम ने पूछताछ की तो पता चला कि पांच बच्चियों ने अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र दिया है जबकि सात बच्चियों की कोई सूचना नहीं है।
’न्यूज 7 एक्सप्रेस’ के सूत्रों से मिली खबर के अनुसार एसडीएम सदर गुलाबचंद्र के औचक निरीक्षण की खबर मिलते ही विद्यालय में अफरातफरी मच गई। निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने देखा की विद्यालय का भवन भी जर्जर है और बरसात के दौरान इससे पानी टपकता है। यहीं नहीं जिस हॉस्टल में बच्चियां रहती हैं वहां कोई साफ-सफाई नहीं थी। एसडीएम ने शुक्रवार को वार्डेन को अपने दफ्तर में तलब किया है। एसडीएम ने ने वार्डेन संगीता सिंह से काफी सवाल-जवाब किए जिनमें से कई सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। वार्डेन सिर्फ पांच बच्चियों के ही प्रार्थन पत्र पेश कर पाईं। 12 बच्चियों में से पांच कक्षा 6 की हैं तथा सात बच्चियां कक्षा 7 में पढ़ती हैं। एसडीएम ने इस संबंध में डीएम को रिपोर्ट भेजी है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले यूपी के देवरिया में शेल्टर होम से सेक्स रैकेट चलाए जाने का मामला सामने आया था। यहां खुलासा हुआ था कि लड़कियों को देर शाम कारों से ले लाया जाता था और फिर अल-सुबह यहां छोड़ दिया जाता था। वहां उन्हें ठीक से भोजन भी नहीं दिया जाता था और दिनभर काम कराया जाता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया शेल्टर होम केस की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इन मामलोें के तार बड़े लोगोें से जुड़े होने की खबर आ रही है लेकिन प्रशासन इससे इनकार कर रहा है।