लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में आरएसएस की सरकार है। राज्य में कोई सुरक्षित नहीं है। बड़े पैमाने पर वसूली की जा रही है। प्रचारतंत्र पर भी भाजपा का कब्जा है। भाजपा सरकार की नीतियों के कारण किसानों और नौजवानों का भविष्य अंधकारमय है, उनका बहुत अहित हुआ है। भाजपा द्वारा जातियों के बीच नफरत फैलाई जा रही है। सामाजिक वैमनस्य पैदा किया जा रहा है। साम्प्रदायिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। श्री यादव आज पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में एकत्र कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत ही खराब है। बैंकों के पास लूट और हत्याएं हो रही हैं। गांवों और शहरों में उत्पीड़न की कार्रवाईयां तेजी से हो रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि किसान को अपने उत्पाद का लाभकारी मूल्य तो छोड़िए किसानों को भाजपा सरकार में भारी नुकसान और घाटा उठाना पड़ रहा है। किसानों को खाद, बीज, ईंधन सब मंहगा पड़ रहा है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए समाजवादी सरकार में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे मंडियों की स्थापना की व्यवस्था की गई थी। बिना मंडियों की व्यवस्था के किसानों को लाभ नहीं मिल सकता है। भाजपा सरकार ने इस व्यवस्था को ठप्प कर दिया हैं। अवैध खनन पर रोक नहीं लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि भारत की आजादी के बाद स्वतंत्र हुए कई राष्ट्र विकसित हो गए हैं। फिनलैण्ड, डेनमार्क, स्वीडेन जैसे देशों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि भारत में डायबिटीज और दिल की बीमारी के मरीज बड़ी तादाद में है। आंख की बीमारी, टी.बी. का प्रकोप भारत में ज्यादा है। महिलाओं के प्रति अपराध में हम नम्बर एक की स्थिति में है। यह स्थिति चिंता जनक है। भारत दयनीय हालत में पहुंच गया है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की गलत आर्थिक नीतियों के चलते 40 हजार उद्योगपति भारत छोड़कर विदेश चले गए हैं। बैंकों को घाटे में पहुंचा दिया है। नोटबंदी से कालाधन पर कहीं रोक नहीं लगी। जीएसटी के कारण बेरोजगारी में वृद्धि हो गयी है। देश की अर्थव्यवस्था पर संकट है। समाज में भय और तनाव है। लोग आतंकित हैं। उन्होंने कहा कि तमाम समस्याओं का समाधान गांधीवादी और समाजवादी सोच से ही हो सकता है। गरीबों की ताकत समाजवादी विचारधारा में हैं। सद्भाव और सौहार्द में ही समाज का हित है। सन् 2019 में लोकतंत्र का निर्णायक चुनाव होना है। इसलिए भाजपा को हटाना राष्ट्रहित में है।