सीतापुर। सीतापुर में नए पुलिस कप्तान एलआर कुमार का आगमन हुआ है क्योंकि बताते चलें कि पूर्व तेज तर्रार पुलिस कप्तान प्रभाकर को भरोसा जताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बनाकर बुलंदशहर तबादला कर दिया है जिससे नए पुलिस कप्तान एलआर कुमार को सीतापुर की कमान सौंपी गई है लेकिन जिस तरीके से पीआरओ की कार्यशैली सीतापुर में है वह कहीं ऐसा ना हो जाए कि पुलिस कप्तान को परेशानी का सबब बन जाए क्योंकि बताया जाता है की पीआरओ जिस तरीके का रवैया अपनाए हुए हैं वह महकमे के लिए सही नहीं है ।
पी आर ओ का रवैया जिस तरीके से गत दिवस देखा गया वह कप्तान के लिए एक नई समस्या खड़ी कर सकती है क्योंकि बताया जाता है कि पीआरओ सीतापुर का यह रुख काफी अहम माना जा रहा है कि वह किसी भी बात को छिपाने का काम करते हैं और आधी बात बताई जाती है और आधी बात नहीं बताई जाती है। जो कि पुलिस कप्तान के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है क्योंकि पुलिस कप्तान को ही जब आधी बात नहीं बताई जाएगी तो महकमे में किस तरीके से कामकाज होंगे यह अहम बात है और पीआरओ और पुलिस कप्तान पुलिस के बीच की एक बहुत बड़ी कड़ी है जो पुलिस अधीक्षक सीतापुर को सीतापुर पुलिस से जोड़ती ह।
क्योंकि पीआरओ ही वह शख्स होता है जो सही और सटीक जानकारी पुलिस अधीक्षक को उपलब्ध कराता है कि कौन सा कार्य करना चाहिए कौन सा नहीं और कौन सा व्यक्ति किस प्रकार की छवि रखता है जिससे की दूरी बनाई रखी जाए लेकिन जिस तरह से पीआरओ काम कर रहे हैं कि अपने ही चहेतों के लिए वह यारों की गद्दी का इस्तेमाल कर रहे हैं। कहने का मतलब है कि पीआरओ एक काफी बड़ा खुदा होता है पुलिस महकमे का जो पुलिस अधीक्षक से सीधे जुड़ा हुआ होता है। लेकिन अपने चहेतों को किसी कार्यवस पुलिस अधीक्षक की आवश्यकता अनुसार खड़े करना जबकि चाहतों के अतिरिक्त और भी कई ऐसे होते हैं जोकि अपने क्षेत्र में महारत हासिल किए हुए हैं।
लेकिन पीआरओ की कार्यशैली जिस तरह की है वह उन्होंने पहले दिन ही पुलिस अधीक्षक के पीसी के दौरान जाहिर कर दिया है कि वह अपने चहेतों को ही किसी काम को करने के लिए आगे करेंगे जो महकमे के लिए भी नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है क्योंकि यह भी बताते चलें की महक में में बहुत से वरिष्ठ होंगे जो पीआरओ से नहीं बनती होगी और अगर कोई आवश्यकता यह कार्य सही जानकारी के लिए पुलिस अधीक्षक को पड़ जाए तो पीआरओ तो वही कार्य करेंगे जो करते आए या कह लीजिए जो कप्तान के आने पर पहले दिन ही उन्होंने कर दिखाया है जिससे की महत्व की उपलब्धियां तो बहुत सी है लेकिन पी आर ओ का यह कार्य जिस तरीके का है वह सही नहीं है और पीआरओ इस तरीके का यही रवैया अगर महकमे के लिए अपनाएंगे और पुलिस अधीक्षक को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
क्योंकि अब यह जगजाहिर हो चुका है पीआरओ अपने चहेतों को ही आगे करने के लिए पूरा भर कस प्रयास करेंगे और महकमे के अन्य अधिकारी और कर्मचारियों की अनदेखी भी हो सकती है जिससे कि पीआरओ का यह कार जो देखा गया है वह सही नहीं कहा जा सकता है और पुलिस अधीक्षक सीतापुर को इस पर एक विचार करना होगा कि पीआरओ आखिर उनको सही जानकारी दे रहे हैं या नहीं उसके लिए उनको अपने अन्य मातहतों से भी इस बारे में सलाह लेनी होगी क्योंकि पीआरओ का तरीका जो देखा गया है वह आगे कप्तान के ऊपर भारी पड़ता हुआ नजर आ सकता।