सीतापुरः मोहिददीनपुर गांव में बगावत, सचिव मुर्दों को एलाट कर रहे थे आवास

सीतापुर। विकास खण्ड लहरपुर की ग्रामसभा मोहिददीनपुर मे प्रधान आयशा बेगम व सचिव हिमाशू दीक्षित द्वारा किये जा रहे आवास घोटालो से परेशान हो चुकी ग्रामसभा की जनता ने अब बगावत का रास्ता अपना लिया है। इस मामले में ग्रामसभा के ही समीर, सरफराज अहमद, इरफान अली मैइनुददीन नौशाद सलाउददीन आदि लोगों ने एक शिकायती प्रार्थना पत्र सूबे के मुखिया आदित्यनाथ योगी को देकर उनको कुल प्रकरण से अवगत करा दिया है। प्रार्थना पत्र में आवास घौटालो को हवाला देते हुए कहा गया है कि ग्रामसभा में जिन्दा पात्र लोगों को आवास तो मिल नही पा रहे है।

पात्र दर दर की ठोकरे खाते हुए घूम रहे है और सचिव तथा प्रधान मुर्दो लोगों के नाम आवास आवंटित करवा रहे है। इस ग्रामसभा में बड़े पैमाने पर आवास घोटालों को अंजाम दिया जा रहा हौ। पात्रो को योजनाओं का लाभ ईमानदारी के साथ मिले इसके लिये ब्लाक स्तर पर बीडीओ फिर एडीओ को जिम्मेदारी दी गयी है इसके अलावा प्रधान और सचिव के कंधों पर पात्रो को आवास जिये जाने की भी जिम्मेदारी डाली गयी है। प्रधान व सचिव मिलकर आवासों में बंदर बांट कर रहे है एडीओ पंचायत से शिकायत की जाती है वह कार्यवाही नही कर है और वही बीडियों शिकायत को नजरंदाज कर रहे है।

ऐसे हालातों में ग्रामसभा वासियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आस्था जताते हुए उनको प्रार्थना पत्र दिया है और कहा है कि इस मामले में गम्भीरता के साथ कार्यवाही की जाये और जो लोग दोषी है उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही हो। शिकायतकर्ताओं द्वारा दावा किया जा रहा है कि प्रधान तो आयशा बेगम है लेकिन प्रधानी का सारा कार्य उनका पुत्र मोइन खान बतौर प्रधान प्रतिनिधि के रूप देख रहा है। वर्तमान समय में प्रधान प्रतिनिधि और सचिव हिमांशू सिंह की जोड़ी गजब की मानी जा रही है। ग्राम पंचायत अधिकारी हिमांशू सिंह हमेशा से चर्चाओं में रहे है।

यह जिस ग्रामसभा में तैनात रहे है वहां इन पर घोटालेबाजी का आरोप ही लगता है। शातिराना दिमांग का इस्तेमाल करने वाले ग्राम प्रचायत अधिकारी मोनू सिंह के बारे में बताया जा रहा है कि मोनू सिंह अपने दिमांग और काबलियत का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों को भी अपने भ्रष्टाचार की चैन में कहीं न कहीं से जोड़ लेते है यही कारण है कि ब्लाक स्तर पर शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होती है अगर जिले से जांच जाती है तो वह भी किसी ब्लाक के ही अधिकारी के पास जाती है जब ब्लाक पहले से ही मैनेज है तो भला कार्यवाही कैसे होगी। हकीकत यह भी है कि इस ग्रामसभा में घोटालो की बाढ़ आ गयी है।

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