लखनऊ। समाजवादी पार्टी और इसके संस्थापक मुलायम सिंह के करीबी और राजदार माने जाने वाले अमर सिंह ने आज प्रेस काफ्रेंस करके अखिलेश, आजम और मुलायम पर जमकर हमला बोला। उन्होने आज अपने दिल में भरा सारा गुबार निकाल दिया। उन्होने आजम खान की धमकी का जवाब देते हुए 30 को रामपुर आने पर उनको काटने कीे भी खुली चुनौती दे दी। उल्लेखनीय है कि फेसबुक पर चंद रोज पहले वीडियो अपलोड कर समाजवादी पार्टी तथा आजम खां पर बरसने वाले अमर सिंह ने आज लखनऊ में मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आजम खां को खुली चुनौती देने के साथ ही उनको मुलायम सिंह यादव का दत्तक पुत्र भी बताया। अमर सिंह ने कहा कि मैं अब्दुल हमीद जैसे मुसलमानों का समर्थक हूं, लेकिन महिलाओं की अस्मत से खेलने वाले मुसलमानों का घोर विरोधी हूं।
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां के टीवी चैनल पर इंटरव्यू से व्यथित अमर सिंह ने आज कहा कि अखिलेश यादव के चहेते कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां मेरी कुर्बानी ले लीजिए, लेकिन मेरी बेटियों को बख्श दीजिए। मैं 30 अगस्त को दोपहर 12 बजे रामपुर आ रहा हूं। मेरी हत्या करनी है तो कर देना लेकिन मेरी बेटियों को कुछ मत करना। उन्होंने कहा कि आप (आजम खां ) की खून की प्यास नहीं बुझी है मैं 30 तारीख को आ रहा हूं, 12 बजे वही गेस्ट हाउस में आऊंगा, मेरी कुर्बानी ले लीजिए मेरी मासूम बेटियों को छोड़ दीजिए। अमर सिंह ने कहा कि बकरीद के दिन बकरी काटी होगी। हिंदू जिसे पवित्र मानते हैं आपके समर्थकों ने उसे भी काटा होगा संभवत:। आपके खून की प्यास नहीं बुझी है। मैं 30 तारीख को रामपुर आ रहा हूं। 12 बजे वहां के पीडब्लूडी के गेस्ट हाउस में रहूंगा। आप प्रदेश के नामी-गिरामी भारी बेताज शहंशाह हैं। मुलायम सिंह के सियासी दत्तक पुत्र हैं और देश का गृहमंत्री भी, प्रदेश और देश की सरकार भी आज तक आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाई है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मैं एक डरा हुआ व्यथित पिता हूं जिसकी बेटियों को तेजाब से नहलाने की बात आजम खां कर रहे हैं। अमर सिंह ने कहा कि नमाजवादी पार्टी के नेता आजम खां ने कहा है कि अमर सिंह जैसे लोगों को सड़क पर नंगा करके मारा जायेगा। उनकी पत्नी को काटा जायेगा तथा जवान बेटियों पर तेजाब फेंका जायेगा। उन्होंने कहा कि मैं आज यहां किसी दल की तरफ से बल्कि अपनी नाबालिग बेटियों के बाप की हैसियत से यहां बैठा हूं। अमर सिंह ने कहा कि जब बच्चियां स्कूल पढऩे जाती हैं तो डर लगता है और हमारी पत्नी रोती है। उन्होंने कहा कि बुधवार की शाम छह बजे राज्यपाल से मिलकर इस मामले की शिकायत दर्ज कराएंगे।
उन्होंने कहा कि यह सच है कि मैं अब्दुल हमीद जैसे मुस्लमानों का समर्थक हूं, लेकिन खिलजी की तरह पद्मावती की इज्जत नहीं करने वाले, महिलाओं की अस्मत लूटने वाले, उन पर तेजाब फेंकने वाले मुस्लमानों का मैं विरोधी हूं। अमर सिंह ने कहा कि आजम खां को झूठ बोलने में महारत हासिल है। अब कह रहे हैं कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा। अमर सिंह ने पत्रकारों को न्यूज चैनल की वह क्लिपिंग भी दिखाई जिसमें आजम खां रिपोर्टर के प्रश्न पर यह कह रहे हैं ‘…जिस दिन जो नाम आप ले रहे हैं वह व उन जैसे लोग दंगों में मारे जाएंगे उनके परिवार के लोग काटे जाएंगे, उस दिन हिन्दुस्तान में दंगे बंद हो जाएंगे।
जब इनके बच्चों को तेजाबों में गलाया जाएगा। तब न तो मुजफ्फरनगर के दंगे होंगे और न गुजरात में होंगे। अमर सिंह ने कहा कि अगर कोई शोध हो तो मुलायम सिंह यादव के दत्तक पुत्र आजम खां को झूठ बोलने का सबसे बड़ा वाला पुरस्कार मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह जैसे शिल्पकार जब आजम खां जैसे लोगों गढ़ देते हैं तो मुजफरनगर जैसे दंगे होते हैं और सैफई में मल्लिका शेरावत डांस करती हैं। जयाप्रदा के साथ रामपुर में जो हुआ आज भी वह बोल दे तो आजम खां जेल चले जायेंगे। अमर सिंह ने कहा मैं बुरा व विवादित आदमी हो सकता हूं, लेकिन दो नाबालिग बेटियों का बाप भी हूं। मेरी बेटियां स्कूल जाती हैं, मेरी पत्नी आज रोती हैं। आजम खां से आपकी दुश्मनी है, मेरी बेटियों को बीच में लाया जा रहा है।
समाजवादी पार्टी से राज्यसभा जाने वाले अमर सिंह आज आजम खां के साथ ही समाजवादी पार्टी पर भी जमकर बरसे। अमर सिंह ने अपने को अवसरवादी बताने की अलग व्याख्या की। अमर सिंह ने आजम खां को मुलायम सिंह का राजनीतिक दत्तक पुत्र करार देते हुए कहा कि वे मुझे अवसरवादी कह रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मैं अवसरवादी हूं क्योंकि मैंने अपनी पत्नी को राज्यसभा नहीं भेजा। मैंने अपने बेटे को विधायक नहीं बनाया और न ही मैं किसी विश्वविद्यालय का आजीवन चांसलर बना। अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव पर भी जमकर निशाना साधा। अमर सिंह ने एक बार फिर से समाजवादी पार्टी को नमाजवादी पार्टी करार देते हुए उस पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लोहिया जी ने पार्टी में अपने परिवार के किसी सदस्य को स्थान नहीं दिया था लेकिन यहां तो पूरी की पूरी पार्टी ही एक परिवार से ही भरी पड़ी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ राम का नाम लेती है लेकिन लोहिया जी तो सियाराम का नाम लेते थे।
अमर सिंह ने आरोप लगाया कि जब आजम खां समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी मंत्री थे तब मुजफ्फरनगर के दंगे हुए। उन्होंने कहा कि देश विभाजन के समय भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ था लेकिन आजम खां के प्रभार के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश दंगों की आग में झुलसा। अमर सिंह ने कहा कि आजम खां के प्रभार के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तब हिंदू समाज की एक लड़की के साथ बहुत क्रूरता के साथ छेड़छाड़ की गयी थी लेकिन दूसरे समाज के व्यक्ति को बचाया गया। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र पर गुजरात दंगों के दाग लगाते हैं उन्हें जवाब देना चाहिए कि कैसे उनके समय में मुजफ्फरनगर में दंगे भड़के। अमर सिंह ने कहा कि जितने मुसलमान गुजरात दंगों में मारे गये उससे ज्यादा मुजफ्फरनगर के दंगों में मारे गये लेकिन उनकी नस्ल के आजम खां सब देखते रहे।
अमर सिंह ने कहा कि जब इन लोगों की सरकार होती है तो एक विशेष समुदाय के लोग लड़कियां छेड़ सकते हैं और उन्हें हर चीज की छूट होती है। उन्होंने कहा कि तीन उपचुनाव जीत कर यह लोग इतरा रहे हैं लेकिन क्या यही इनकी धर्मनिरपेक्षता है। अमर सिंह यहीं नहीं रूके और कहा कि खिलजी तथा मोहम्मद गौरी की नस्ल के लोगों को हिंदुस्तान में रहने का कोई हक नहीं है। अमर सिंह ने कहा कि जो व्यक्ति भारत माता को डायन कहता हो वह भारत में कैसे रह सकता है। उन्होंने कहा कि आजम खां वही व्यक्ति हैं जो कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते। उन्होंने मुलायम सिंह यादव को भी नहीं बख्शा और कहा कि आजम खां तो उनके राजनीतिक दत्तक पुत्र हैं। अमर सिंह ने कहा कि मुलायम का जन्मदिन मनाने के बाद आजम खां ने खुलेआम कहा था कि हमें दाउद इब्राहिम और अबु सलेम से पैसे मिलते हैं। उन्होंने कहा कि आजम खां ने अपने पिता के नाम पर घोटाला कर रामपुर में विश्वविद्यालय बनाया है और यदि झूठ बोलने की कोई प्रतियोगिता हो तो आजम खां ही पुरस्कार जीतेंगे।
उल्लेखनीय है कि 2017 आम चुनावों से पहले अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव से प्रदेश अध्यक्ष का पद छीनकर खुद काबिज हो गये थे। जिसके बाद यादव परिवार में घमासान छिड़ गया था। मुलायम द्वारा विरोध किए जाने पर अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गये थे। इस मामले पर पूरे देश ने यादव परिवार में मचे घमासान को देखा था। इसका नतीजा अखिलेश को यूपी की सत्ता गंवाकर चुकाना पड़ा था।