उप्र में करीब 400 स्थल बनेंगे पर्यटन केंद्र

 जल्द शुरु होंगे विकास कार्य
-सूची में सभी धर्मों के तीर्थ स्थल और ऐतिहासिक स्मारक भी शामिल
-राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में विकसित होगा एक पर्यटन केंद्र
-विधायकों से प्रस्ताव मांगकर पर्यटन विभाग तैयार कर रहा विकास का खाका
लखनऊ।  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सूबे के करीब 400 महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करेगी। इसके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्द्धन योजना बनाई है, जिसके तहत प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन केंद्र विकसित विकसित किया जाएगा। विधायकों से प्रस्ताव लेकर पर्यटन विभाग ने सूची भी बना ली है। अगले माह तक डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के साथ विकास कार्य प्रारम्भ हो सकता है।
सरकार की मांग पर विधायकों ने जिन स्थलों के विकसित करने का प्रस्ताव दिया है, उनमें सभी धर्मों के तीर्थ स्थल शामिल हैं। ऋषियों-मुनियों के आश्रम, ऐतिहासिक किले, शहीद स्थल, स्मारक, नदियों के घाट और उनके उद्गम स्थल, प्राचीन ताल, तालाब और पक्षी विहार को भी पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने का प्रस्ताव विधायकों द्वारा दिया गया है।
खास बात यह है कि विधायकों के प्रस्ताव में सामाजिक समरसता और सर्व धर्म समभाव का भाव स्पष्ट रुप से झलक रहा है। कई मुस्लिम विधायकों ने जहां प्राचीन शिवालयों और देवी मंदिरों के स्थलों के विकास और सौन्दर्यीकरण का प्रस्ताव दिया है, वहीं हिन्दू विधायकों ने मजारों और दरगाहों को विकसित करने की बात की है। रामपुर जिले की चमरव्वा सीट से सपा विधायक नसीर अहमद खां ने प्राचीन शिव मंदिर के विकास का प्रस्ताव भेजा है तो मेरठ के विधायक रफीक अंसारी ने प्राचीन नौचंदी देवी मंदिर को पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने को कहा है।
उधर, कासगंज जिले के पटियाली से भाजपा विधायक ममतेश शाक्य ने सूफी संत अमीर खुसरो की जन्मस्थली और चंदौली के चकिया विधायक शारदा प्रसाद ने लतीफ शाह की मजार को विकसित करने का प्रस्ताव दिया है। बाराबंकी विधायक धर्मराज सिंह यादव के प्रस्ताव में देवा शरीफ दरगाह का नाम अंकित है।
बिजनौर जिले के नहटौरा से भाजपा विधायक ओम कुमार क्षेत्र के प्रसिद्ध गुरुद्वारा गुरुनानक बाग हरदौर साहिब को पर्यटन केंद्र बनाने का प्रस्ताव भेजा है। वाराणसी कैंट से विधायक सौरभ श्रीवास्तव संत कबीर के प्राकट्य स्थली और सीतापुर के सिधौली क्षेत्र के विधायक डॉ. हरगोविंद भार्गव ने महाकवि नरोत्तम दास के जन्म स्थान को विकसित करने को कहा है। सोनभद्र जिले की राबर्ट्सगंज सीट से भाजपा विधायक भूपेश चौबे ने मच्छन्दर नाथ स्थली का प्रस्ताव दिया है।
इसी तरह कौशाम्बी जिले के मंझनपुर विधायक लाल बहादुर ने कौशाम्बी को बौद्ध परिपथ से जोड़कर विकसित करने को कहा है। फर्रुखाबाद के अमृतपुर से विधायक सुशील कुमार शाक्य, एटा के मारहरा विधायक वीरेंद्र और संतकबीर नगर के मेंहदावल से विधायक राकेश सिंह बघेल ने भी अपने-अपने क्षेत्र में बौद्ध स्थली को पर्यटन केंद्र बनाने की बात की है। बागपत के छपरौली विधायक महेंद्र सिंह ने सांई बाबा मंदिर के विकास का प्रस्ताव दिया है।
ऐतिहासिक स्थलों में आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी से विधायक चैधरी उदयभान सिंह ने वीर रांणा एवं बाबर के मध्य हुए युद्ध के साक्षात गवाह रहे खानवा के मैदान को पर्यटन केंद्र बनाने को कहा है। वहीं, अंबेडकर नगर के आलापुर की विधायक श्रीमती अनीता ने चांडीपुर स्थित राजा मोरध्वज का किला, झांसी से गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने माठ किला और तिंदवारी, बांदा के विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने भूरागढ़ किला को पयर्टन केंद्र विकसित करने का प्रस्ताव भेजा है। आगरा की बाह सीट से विधायक रानी पक्षालिका सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर को पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने को लिखा है।
इसके अलावा एटा के जलेसर से विधायक संजीव कुमार दिवाकर और मैनपुरी जिले के किशनी सीट से विधायक बृजेश कठेरिया ने अपने-अपने क्षेत्र में पक्षी विहार को पर्यटन केंद्र बनाने का प्रस्ताव भेजा है। वहीं अलीगढ़ में शहर क्षेत्र के विधायक संजीव राजा ने प्राचीन अचल ताल और इसी जिले के छर्रा क्षेत्र से विधायक रवेंद्र पाल सिंह ने झील को विकसित करने का सुझााव दिया है। कुछ और विधायकों की तरफ से प्राचीन ताल और तालाबों को पर्यटन केंद्र बनाने का प्रस्ताव सरकार को मिला है।
गोण्डा के मनकापुर क्षेत्र से विधायक और प्रदेश सरकार के मंत्री रमापति शास्त्री ने सरयू नदी के घाट और पडरौना से विधायक तथा सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बांसी घाट को विकसित करने का प्रस्ताव दिया है। वहीं, पीलीभीत के पूरनपुर से विधायक बाबूराम पासवान ने गोमती नदी के उद्गम स्थल माधोटांडा को पर्यटन केंद्र बनाने का सुझाव दिया है।
 राज्य सरकार ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन केंद्र विकसित करने का निर्णय किया है। दरअसल ‘एक जिला एक पर्यटन केंद्र’ की थीम पर राजधानी लखनऊ में कुछ माह पहले विकास संवाद का आयोजन किया था। इसमें पर्यटन के विकास से रोजगार की संभावनाओं पर भी विस्तृत चर्चा हुई थी। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। इस मौके पर कार्यक्रम के थीम को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री ने इस आयोजन की सराहना भी की थी। इसी के बाद योगी सरकार ने प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन केंद्र विकसित करने की महात्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्द्धन योजना’ बनाई। इसके तहत प्रत्येक केंद्र को विकसित करने के लिए सरकार द्वारा 50 लाख रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार ने इस कार्य में विधायकों से उनके विधायक निधि और जनसहभागिता की भी अपेक्षा की है।
पर्यटन मंत्री बोले, जल्द शुरु होंगे कार्य
प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार वाले पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने बताया कि लगभग 390 विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र के प्रसिद्ध स्थलों को पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने का प्रस्ताव भेज दिया है। इसे सूचीवद्ध करके सभी विधायकों से सत्यापित भी कराया जा रहा है। अगले माह तक डीपीआर बनेगा, फिर जल्द ही सभी स्थलों पर विकास कार्य प्रारम्भ करा दिए जाएंगे।

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