लखनऊ। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकारों द्वारा बनवाए गये एक्सप्रेस वे मौत के परकाले बन चुके है। रोजाना दर्जनों सड़क हादसे यहां पेश आ रहे है जिसमें जान और माल का बड़ा नुकसान हो रहा है। एक तरफ सरकार वाहन स्वामियों को वाहन की स्पीड कंट्रोल में रखने की अपील कर रही है वहीं वाहन स्वामी मानने को तैयार नहीं हो रहे है। वहीं लम्बे सफर की वजह से आने वाली नींद की झपकी से सबसे ज्यादा हादसे पेश आ रहे है। इसको देखते हुए अथारिटी नया फार्मूला लागू करने की कोशिश में है।कोहरे की वजह से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ऐक्सिडेंट की संख्या को कम करने के लिए एक अनोखा उपाय निकाला गया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डिवलेपमेंट अथॉरिटी (यूपीईआईडीए) ने 302 किमी लंबे एक्सप्रेसवे में रात के समय ड्राइवरों को मुफ्त में चाय और कॉफी बांटने का फैसला किया है। यूपीईआईडीए के सूत्रों ने बताया कि यह फैसला इस स्थिति को भांपते हुए लिया गया है कि एक्सप्रेसवे में ज्यादातर ऐक्सिडेंट रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच होते हैं।
राजमार्ग अथारिटी के एक अधिकारी ने ’’न्यूज 7 एक्सप्रेस’’ से फोन पर बातचीत में बताया कि इसकी वजह यह हो सकती है कि रातभर जगने के कारण ड्राइवर नींद में होते हैं। यूपीईआईडीए के सूत्रों ने बताया, ‘जनवरी 2018 से खुले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 300 से अधिक घायल हो चुके हैं।’ असिस्टेंट मैनेजर टोल प्लाजा अमित चंदेल ने कहा, ‘यूपीईआईडीए की मीटिंग में तय किया गया है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच चाय और कॉफी बांटी जाएगी ताकि ऐक्सिडेंट की संख्या को कम किया जा सके।’
उन्होंने आगे कहा कि फ्री चाय और कॉफी सर्विस से एक्सप्रेस वे में ड्राइवर अलर्ट रहेंगे, इस तरह वह सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे। अमित चंदेल ने कहा, ‘अब से एक्सप्रेसवे में हर 30 किलोमीटर की दूरी पर एक टी और कॉफी स्टॉल लगाया जाएगा। इस दौरान फोर वीलर गाड़ी के ड्राइवर और एक सवारी को चाय और कॉफी दी जाएगी। अगर यात्रियों की संख्या ज्यादा होगी तो उन्हें प्रत्येक कॉफी या चाय के कप के लिए बिल देना होगा।’
वहीं सूत्रों से मिल रही खबरों के अनुसार दूसरी तरफ पुलिस विभाग भी अनियमित ड्राइवरों का चालान काटने पर भी विचार कर रहा है। इसके अलावा एक्सप्रेस वे में खड़े हुए और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटान के लिए टोल ऑपरेटर को आदेश दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया, ‘खड़े हुए और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों की वजह से ऐक्सिडेंट अधिक होते हैं। इस वजह से हमने टोल अधिकारियों को पट्रोलिंग के दौरान भारी क्रेन और ऐंबुलेंस साथ में रखने को कहा है। वहीं हर काम सरकार और अथारिटी पर डालने की जगह वाहन स्वामियांे को भी सरकार की अपील मानते हुए अपने वाहन की स्पीड पर कंट्रोल रखना होगा और सड़क के नियमों का पालन करना होगा जिससे हादसो में कमी आ सकती है।