घोटालों का जिला बन चुके सीतापुर में घोटालेबाजों पर किसका हाथ?

सीतापुर। सीतानगरी के नाम से मशहूर सीतापुर को घोटालोें का नगर कहा जाए तो अशिक्योक्ति नहीं होगी। पिछले कई सालों से सीतापुर में सैकड़ों की तादाद में घोटालों और भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन पता नहीं किसका वरदहस्त इन घोटालेबाजों पर है जो हर जांच में बेदाग निकलने में सफल हो जाते है। जनपद की ग्रामसभाओं के प्रधान व तैनात सचिव द्वारा बड़े पैमाने पर घोटालेबाजी की जा रही है। पंचायत स्तर पर ऐसी कोई योजना नही है जिसमें घोटालेबाजी न की जा रही हो। क्येाकि सचिव व प्रधानों का आय से अधिक खर्च है तो खर्च को पूरा करने के लिये घोटालों को अंजाम दे रहे है।

ग्रामीणों की मानें तो कुछ सचिव ऐसे भी है जो हर रोज लखनऊ से अपने तैनाती स्थल पर आते है वह भी चैपहिया वाहन से। ऐसे हालातों में लखनऊ से लहरपुर या फिर अन्य ब्लाकों में आने के लिये केवल डीजल ही हजारों रूपये का होग इसके अलावा चालक का खर्च खुद का जेब खर्च यानी एक सचिव को जो वेतन मिलता है उससे कहीं ज्यादा खर्चा तो ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात सचिव केवल वाहन के नाम पर ही हो जाता है।

इसके अलावा करीब करीब सभी ग्राम पंचायत अधिकारियों का घर जाने से पहले हजारों रूपया दावे वलिमा पर खर्च हेाता है। यह सब खर्च कहां से आ रहा हैं। अगर आंकड़ो को देखा जाये तो वेतन से ज्यादा खर्च तो उनका आने जाने व दावतों पर हो जाता है फिर उनके घर का खर्च कैसे चलता है। यह बात चर्चा का विषय है और कहा जा रहा हौ कि इन्ही ओवर खर्चो को निकालने के लिये प्रधान और सचिव एक होकर योजनाओं को दीमक की तरह चांट रहे है।

अब पानी सर के ऊपर से बहने लगा है क्येाकि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का मिशन भी सीतापुर के करीब करीब सभी ब्लाकों में आमदनी का जरिया बन चुका है इसके अलावा विकास कार्योे में गडबड़ घोटाला किया जा रहा है इस बात का डीसी मनरेगा द्वारा करवायी गयी एक जांच में हो चुका है। विकास खण्ड लहरपुर की ग्रामसभा पंचायत शेरपुर के प्रधान मोइन खां तथा ग्राम पंचायत अधिकारी हिमांशू दीक्षित वर्तमान समय में दोनेा हाथों में योजनाओं को बंटाधार करने में जुटे हुए। इसके बाद भी जब ग्राम पंचायत अधिकारी हिमांशू दीक्षित का मन नही भरा तो उन्होने अपने भाई कपिल को भी योजनाओं को घोटाला करने के लिये अपने पास ही रख लिया और शौचालय व अन्य योजनाओं के तहत हो रहे विकास कार्यो को ठेकेदारी प्रथा से जोड़ते हुए विकास कार्य ठेको पर होने लगा।

यहां तक शौचालय भी प्रधान और सचिव द्वारा ठेके पर ही बनवाये जा रहे है। शौचालयें में हर जगह पीला ईट का इस्तेमाल किया जा रहा है। पात्र और जनता दोनो ही परेशानहो चुके है और वह आन्दोलन का रास्ता अपना रहे है। लहरपुर की ग्रामसभा शेरपुर में जहंा जनता द्वारा लगातार शिकायतें की जा रही है यह बात अलग है कि जिम्मेदार अधिकारी जनता की शिकायतों पर ध्यान नही देरहे है और प्रधान मोइन खां तथा सचिव हिमांशू दीक्षित को घोटालों को अंजाम देने की पूरी छूट दे दी गयी है।

वहीं पता यह भी चला है कि विकास खण्ड मछरेहटा की जनता ग्राम पंचायत स्तर पर हो रहे घोटालों से बेहद परेशान होकर आन्दोलन का रास्ता अपनाते हुए ब्लाक पर ही धरना प्रदर्शन करने लगी है। ऐसे में आज नही तो कल केवल लहरपुर ही नही बल्कि पूरे जनपद की कानून व्यवस्था पटरी सेउतर सकती है। ऐसे हालातों में जिम्मेदार अधिकारियेां ध्यान रखना होगा अगर वह समय रहते नही चेते तो आगामी दिनों में सीतापुर का लाॅयन आफ आडर पटरी से उतर सकता है।

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