मैनपुरी। मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव ने बड़ी जीत दर्ज की थी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए इस चुनाव में डिंपल यादव ने 2,88,461 वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को पराजित किया। डिंपल यादव को 618120 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी 329659 वोट ही प्राप्त कर सके। यादव परिवार की एक मात्र लोकसभा में सपा की सांसद हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शपथ ग्रहण कराई।
मैनपुरी लोकसभा सीट के अपने गढ़ में सपा ने गुरुवार को 2.88 लाख मतों से ज्यादा के अंतर से प्रचंड जीत हासिल की। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनकी पुत्रवधू डिंपल यादव ने परिवार की राजनीतिक विरासत को तो बरकरार रखा ही, जीत का नया कीर्तिमान भी गढ़ दिया। यह भी प्रमाणित कर दिया कि मुलायम का यह गढ़ ढहाना भाजपा के लिए अभी बहुत दूर की कौड़ी है। क्योंकि मुलायम सिंह का अखाड़ा कहे जाने वाले इस क्षेत्र के चुनाव में डिंपल की जीत उनसे भी आगे निकल गई।
लोकसभा सीट पर जीत का रिकार्ड बनानी वाली डिंपल ने मैनपुरी की पहली महिला सांसद बनकर भी इतिहास रचा है। उनसे पहले कभी कोई महिला प्रत्याशी जीत की देहरी तक नहीं पहुंच सकी थी। मैनपुरी लोकसभा सीट पर वर्ष 1999 के चुनाव तक कोई महिल प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ी थी। पहली बाद वर्ष 2004 में कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी के रूप सुमन चौहान को लड़ाया गया। उनको पराजय हासिल हुई थी और जमानत भी नहीं बचा सकीं थी।
वर्ष 2009 में भाजपा ने तृप्ति शाक को प्रत्याशी बनाया, परंतु उनकी भी जमानत जब्त हुई। वर्ष 2014 के चुनाव में बसपा की टिकट पर लड़ी डॉ. संघ मित्रा मौर्य तीसरे स्थान तक पहुंची, परंतु जमानत फिर भी न बची। उस चुनाव में निर्दलीय मैदान में उतरी राजेश्वरी की जमानत जब्त हो गई थी। इस उपचुनाव में सपा से डिंपल यादव और निर्दलीय प्रत्याशी सुषमा देवी, दो महिला प्रत्याशी मैदान में थीं। डिंपल यादव ने भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को पराजित कर पहली महिला सांसद बनने का गौरव हासिल किया।
मैनपुरीवासियों को मुलायम का ठेठ अंदाज लुभाता था। लोगों को उनके नाम से याद रखना। भरी सभाओं में, भ्रमण के दौरान नाम लेकर बुला लेने की अदा ने उनके समर्थकों में बड़ी बढ़ोतरी की। अपने लोगों के मदद करने और उनके सम्मान को बरकरार रखना भी मुलायम सिंह यादव की बड़ी खासियत थी। यही वजह रही कि वर्ष 1992 में सपा के गठन के बाद मैनपुरी में लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा के चुनावों तक पार्टी का वर्चस्व छाया रहा। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र मुलायम के गढ़ के रूप में प्रख्यात हो गया।