लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों पर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कड़ा रूख दिखाया है। उन्होने इन मामलों में तेजी से कार्रवाई करने के लिए अपने विभाग को निर्देश जारी किए है। उल्लेखनीय है कि छोटी बच्चियों से रेप और हत्या के मामलों में पुलिस अब पैरवी और तेज कर आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाएगी। हर जिले के तीन सबसे गंभीर और संवेदनशील मामलों में खुद जिले के पुलिस कप्तान नियमित निगरानी करेंगे। एक स्पेशल टॉस्क फोर्स भी इसके लिए लगाई जाएगी। डीएम और जिला जज के सहयोग से ऐसे मामलों की रोजाना सुनवाई कराई जाएगी।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। डीजीपी ने निर्देश दिए हैं कि हर जिले में तीन सबसे संवेदनशील मामले जो 12 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म या हत्या एवं पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किए गए हों, उनकी पैरवी तेज की जाए। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार ऐसे तीन प्रमुख मामलों की पैरवी एसटीएफ से कराई जाए। उन्होंने सभी जिला पुलिस प्रमुखों से कहा कि अपने-अपने जिले में तीन ऐसे मामले चिन्हित करें और उनकी विवेचना तथा कोर्ट में पैरवी को समय सीमा के तहत पूरा करें। कोर्ट में गवाहों की उपस्थिति, सबूतों की उपलब्धता में स्थानीय पुलिस तत्परता से काम करे। इसकी रोजाना समीक्षा भी हो।
डीजीपी द्वारा दिए गये आदेशों के अनुसार जिलाधिकारी और जिला जज से समन्वय स्थापित कर ऐसे मामलों की रोजाना सुनवाई कराने का प्रयास करें, ताकि जल्द से जल्द प्रकरण में फैसला हो सके। डीजीपी ने कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत जिन मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, उनमें पैरवी कर आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने का प्रयास किया जाए। डीजीपी ने इस संबंध में जोन के एडीजी और रेंज आईजी को भी नियमित समीक्षा और निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि देश भर में बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों पर जनता में आक्रोश फैलता जा रहा है। वहीं सरकार ने भी कड़ा कानून बनाकर रेपिस्टों के दिल में भय भरने की कोशिश की है लेकिन इसका कोई असर होता नहीं दिखाई दे रहा है।