बाराबंकी। वाह री देश की सरकारें और उनका विकास, स्वच्छ कार्यशैली! नीति। जब विभागीय मुखिया ही मूक बने बैठे हैं, तो मातहतों के कहने ही क्या? देश भर में सर्वाधिक भाजपा की सरकार बनी, जिसके मात्र चार ही मुद्दे थे, रोजगार, विकास, राम मंदिर और स्वच्छ भारत अभियान! इन सभी वायदों पर सरकार खरी भी उतरी, सिर्फ कागजों पर। जबकि जमीनी हकीकत ठीक इसके उलट! जिसमें से रोजगार और स्वच्छ भारत अभियान की तो पूछो ही मत।
बताते चलें कि तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत अरियामऊ में व्याप्त भारी गंदगी व अरसे से नदारद नियुक्त सफाईकर्मी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही तथा गांव की साफ सफाई हेतु ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी से विगत 19 नवंबर 2018 को जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की गई थी। ऑनलाइन संदर्भ द्वारा सहायक विकास अधिकारी पंचायती राज विभाग को जांच हेतु निर्देशित किया गया। आइजीआरएस संदर्भ संख्या 400 176 18064 309 को सहायक विकास अधिकारी द्वारा निस्तारित करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को 26 नवंबर 2018 को प्रेषित आख्या पत्र में स्पष्ट किया गया है कि ग्राम विकास अधिकारी सत्यदेव प्रसाद से जांच कराई गई है। जांच अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार 15 सदस्यीय टीम लगाकर सफाई करा दी गई है।
संदर्भ निक्षेपित करने योग्य है। और यह आख्या जनसुनवाई पोर्टल पर संलग्न कर दी गई। ना जाने कैसे जांच अधिकारी और कैसे बयानकर्ता जिनके द्वारा मौका मुआयना ना कर हस्ताक्षर और अंगूठा लगवा कर स्वच्छता और गंदगीमुक्त की पुष्टि कर दी गई। जनसुनवाई पोर्टल पर प्रतिक्रिया के माध्यम से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया है कि निस्तारण के संबंध में सहायक विकास अधिकारी पंचायती राज विभाग व ग्राम विकास अधिकारी की भूमिका पूर्णरूप से संदिग्ध है। और आख्या में जिन 15 सदस्यीय टीम का जिक्र किया गया है, वह काल्पनिक है।
हां, कुछएक लोग अवश्य आए थे, बस फर्ज अदायगी कर चलता बने। वर्तमान तक किसी भी प्रकार की साफ सफाई नहीं हुई है। नालियां चोक पड़ी हैं, कहीं-कहीं पर नाली का अस्तित्व समाप्त हो गया है, पानी सड़क पर बह रहा है, भारी गंदगी से ग्रामीण आक्रोशित हैं। सहायक विकास अधिकारी द्वारा उपरोक्त कथन के मुताबिक 15 सदस्यीय टीम तो दिखी नहीं। पर इन पर दिखाया गया खर्च जरूर किसी खाते से निकला होगा। यह भी जांच का विषय है। अगर टीम मौके पर जाकर साफ सफाई करती, तो ग्राम पंचायत अरियामऊ स्वच्छ व गंदगीमुक्त होता। परंतु ऐसा कुछ भी नहीं है।
पूर्व की समस्या जस की तस बनी हुई है। जिलाधिकारी को पुनः अवगत कराया गया कि मुख्य शिकायत में ग्रामीणों द्वारा उक्त सफाईकर्मी को बर्खास्त करने की बात की गई थी, किंतु उससे पहले इस जांच टीम में सम्मिलित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए, जिनके द्वारा अनियमितता बरतते हुए शिकायत के निस्तारण में भ्रामक आंख्या संलग्न कर आपको पूर्णरूप से गुमराह किया गया। इस प्रकरण की उच्च स्तरीय टीम गठित कर गहनता से जांच व दोषीजनों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अवश्य की जाए, की बात कही गई।