बिसवां सीतापुर। क्षेत्र में जँहा ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है वहीँ शासन के द्वारा सभी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने के निर्देश प्रशासन को दिए गए थे उन दिए गए निर्देशों को स्थानीय प्रसाशन तार तार करने से गुरेज नही कर रहा है ।बताते चले कि कड़ाके की ठंड अपने चरम पर है वंही अलाव जलाने की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन को है जो कि यह ऊट के मुँह में जीरा साबित हो रहा है। इस कड़ाके की ठंड में अलाव की जगह राख ही मिलती है ।
शाम के बाद सवारी न मिलने पर दूर दराज के यात्रियों एवम इस सर्दी में हाडतोड़ मेहनत करने वाले मजदूरों, रिक्शाचालकों को रात्रि में बहुत ही परेशानियों से सामना करना पड़ रहा है।पछुआ हवा के चलने से ठंड के बढ़ जाने से लोगो की मुश्किलें जँहा बढ़ी है वहीँ प्रशासन के द्वारा नगर में अलाव जलवाए जाने की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रात्रि 11 बजे ऑडिशन टीम द्वारा नगर क्षेत्र में भ्रमण किया गया तो जिम्मेदारों द्वारा ठंड से बचाने के प्रयासों में छेद ही छेद नजर आए।
नगर के प्रमुख बडा चैराहा पर बुझे अलाव के पास ड्यूटी पर तैनात पुलिस के होमगार्ड बैठे नजर आए वहीँ रोडवेज बस स्टैंड रेलवे स्टेशन पर दूर दूर तक कँही भी अलाव जलता नही मिला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों के तीमारदार अलाव की राख से ठंड से बचने का प्रयास करते दिखे।केंद्र पर मरीज लेकर आये कोटरा निवासी दुर्गेश ने बताया कि ठंड से बचने के लिए कोई भी यँहा इन्तजाम नही है।
अब सवाल उठता है कि शासन के द्वारा लाखो रुपये दिए जाने के बावजूद भी अस्पताल या सार्वजनिक स्थान पर रैन बसेरा न बने होने से दैनिक यात्रियों सहित गरीबों असहायों को भी काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है ।गौरतलब है कि शासन के लाख प्रयासों के बाद भी स्थानीय प्रशासन की घोर उदासीनता के चलते शाम के 2 घंटे अलाव जलने के बाद देर रात्रि जँहा अलाव राख में तब्दील हो जाते है वंही यात्रियों गरीबों असहायों को इस ठंड में कंपकपाते सहज ही देखें जा सकते है।