महामारी में ऑटोमेशन से नौकरियां कम होने का खतरा

वॉशिंगटन। इन दिनों सिनसिनाटी, अमेरिका में जब रिटेल कंपनी क्रोगर के कस्टमर ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तब उनका सामान कोई कामगार नहीं बल्कि रोबोट उठाता है। डलास में गेमिंग और रेस्तरां चेन-डेव-बस्टर में गेमर्स कुछ मंगवाना चाहते हैं तो वेटर को बुलाने की बजाय वे अपने फोन पर ऑर्डर देकर पैसा चुका सकते हैं।

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अटलांटा के पास चेकर्स के स्टोर में कार में बैठे लोग बर्गर और सैंडविच आवाज पहचानने वाले सिस्टम को ऑर्डर देकर लेते हैं। अमेरिका में महामारी के बीच उद्योगों, खासकर सर्विस इंडस्ट्री में ऑटोमेशन बढ़ा है।

पिछले साल फैक्टरियों, फास्ट फूड रेस्तरां, होटलों सहित अन्य कारोबारों ने कामकाज जारी रखने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। इससे बेरोजगारी बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। पिछले साल एक सर्वे में 43 प्रतिशत कारोबारों ने वर्क फोर्स में कम करने की मंशा जताई थी। पुराने वेतन पर अब कर्मचारियों की भर्ती में आ रही मुश्किलों ने ऑटोमेशन बढ़ाया है।

वायरस संकट के कारण टेक्नोलॉजी में निवेश से उत्पादकता बढ़ सकती है। लेकिन, कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ऑटोमेशन की ताजा लहर नौकरियां खत्म कर सकती है। कर्मचारियों की सौदेबाजी की ताकत कम होगी। महामारी में ऑटोमेशन का अध्ययन करने वाले डलहौजी यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्री केसी वारमैन कहते हैं, एक बार कोई जॉब ऑटोमेशन में गया तो उसकी बहाली कठिन होती है।

कारोबारी गतिविधियों में तेजी आने से वेटरों, होटल कामगारों, रिटेल सेल्स क्लर्क और सर्विस इंडस्ट्री सहित अन्य क्षेत्रों में कर्मचारियों की मांग बढ़ी है। पहले इन क्षेत्रों में कर्मचारियों की कटौती कर दी गई थी। सरकार से नियमित भत्ता मिलने के कारण अब लोग नौकरी के चुनाव अपनी पसंद से करने लगे हैं।

कई अन्य फास्ट फूड रेस्तरां के समान चेकर्स,अटलांटा की बिक्री लॉकडाउन के दौरान बढ़ी थी। लेकिन, मांग के अनुरूप वर्कर नहीं मिले। इसलिए कंपनी ने रेस्तरां में वायस रिकग्नीशन सिस्टम लगाए हैं। ऑटोमेशन केवल रेस्तरां सेक्टर में ही नहीं है। होटलों, रिटेलरों,मैन्युफैक्चरिंग और अन्य कारोबारों में ऑटोमेशन बढ़ा है।

पिछले साल विश्व इकोनॉमिक फोरम के 300 ग्लोबल कंपनियों के सर्वे में 43 प्रतिशत कारोबारियों ने बताया कि वे नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर अपनी वर्क फोर्स कम करेंगे। मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के दारोन एसमोगलू कहते हैं टेक्नोलॉजी ने प्रोडक्टिविटी अधिक बढ़ाए बिना कर्मचारी कम कर दिए हैं।

उनके एक रिसर्च पेपर के अनुसार अमेरिका में पिछले 40 सालों में ऑटोमेशन के कारण वेतन में असमानता बढ़ी है। महामारी ने इस ट्रेंड को बढ़ाया है। कई कारोबारों में ऑटोमेशन की वजह से पहले ही जॉब घटे हैं।

किचन से आधुनिक सॉफ्टवेयर ने रेस्तरां चेन में ऑटोमेशन बढ़ाया है। ग्रॉसरी बिजनेस रोजगार का बड़ा स्रोत था। लेकिन टेक्नोलॉजी ने बदलाव कर दिया है। अब रोबोट कैशियर, सामान रखने और अन्य कामों की जिम्मेदारी उठाते हैं।

पहले जो लोग हीरो अब उनकी छंटनी

ऑटोमेशन की वजह से कर्मचारियों की स्थिति बेहतर होने की संभावना खत्म हो रही है। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा प्रकाशित पेपर में बताया गया है कि महामारी में बढ़े ऑटोमेशन से न केवल अमेरिका बल्कि दुनियाभर में गैरबराबरी बढ़ेगी। ग्रॉसरी कामगारों की यूनियन यूनाइटेड फूड एंड कॉमर्शियल वर्कर्स के प्रेसीडेंट मार्क पेरोन का कहना है, छह माह पहले सभी कामगार जरूरी माने जा रहे थे। हर कोई उन्हें हीरो कहता था। अब वे उनसे पीछा छुड़ाना चाहते हैं।

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