मेरठ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रूख को देखते हुए शांत रहने वाले भाजपा विधायक अब अपनी सत्ता की हनक दिखाना शुरू करने लगे है। इसमें नया मामला मेरठ में प्रकाश में आया। मेरठ में बीजेपी विधायक ने एक इंस्पेक्टर को अपनी बात न मानने पर ट्रांसफर कराने की धमकी दी और यह भी कहा कि अगर उनका ट्रांसफर न करा पाया तो राजनीति छोड़ देंगे। उल्लेखनीय है कि यह वायरल ऑडियो मवाना कस्बे के मोहल्ला मुन्ना लाल के एक दंपती के मामले से जुड़ा बताया जा रहा है। 13 अगस्त को पुलिस को सूचना मिली थी कि दंपती में मारपीट हुई है। पुलिस मौके पर गई और पति को थाने ले आई थी। महिला ने अप्राकृतिक यौन सबंध बनाने का आरोप लगाकर थाने में तहरीर दी थी लेकिन जांच में पता चला कि कि यह सिर्फ मारपीट का मामला है। दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में लगातार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायकों के विवादित बयान और नौकरशाही पर रौब झाड़ने के मामले सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को हस्तिनापुर के विधायक दिनेश खटीक का एक कथित ऑडियो वायरल हो गया, जिसमें चार दिन पहले वह अपनी विधानसभा क्षेत्र के थाना मवाना के इंस्पेक्टर को फोन पर एक आरोपी को छोड़ने की बात कह रहे हैं। असहमति जताने पर विधायक धमकी देते सुने जा रहे हैं कि इंस्पेक्टर का ट्रांसफर अब बलिया कराया जाएगा। धमकी के बाद इंस्पेक्टर तुरंत बैकफुट पर आ गए। वह अभिलेखों में बदलाव करके आरोपी को छोड़ने की बात करने लगे और बाद में उस आरोपी को छोड़ भी दिया गया।
इस मामले से भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है। उल्लेखनीय है कि विधायक और इंस्पेक्टर के बीच हुई बातचीत की ऑडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हस्तिनापुर विधायक दिनश खटीक और इंस्पेक्टर मवाना मुनेंदर पाल सिंह की बातचीत का वायरल ऑडियो मवाना के मोहल्ला मुन्ना लाल से जुड़े प्रकरण का है। पत्नी की शिकायत पर पति को पुलिस ने हिरासत में लिया था। पत्नी का आरोप था कि पति उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाता हैं, उसके खिलाफ धारा 377 की तहरीर भी पत्नी ने थाने में दी थी। ऑडियो में सुना जा सकता है कि आरोपी व्यक्ति (जिसे हिरासत में लिया गया था) को छुड़ाने के लिए हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक सिफारिश कर रहे हैं। ऑडियो में विधायक आरोपी व्यक्ति को नहीं छोड़ने पर नाराजगी जताते हैं। इंस्पेक्टर मवाना को कहते सुना जा रहा है, ‘महिला ने 377 की तहरीर दी है, मैंने किसी तरह मामले को शांति भंग में बदलवा दिया है। आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेशकर छुड़वा दिया जाएगा।
इस वीडियो में साफ दिखाई और सुनाई दे रहा है कि विधायक बात नहीं मानने पर सीधे धमकी देते हैं कि वह इंस्पेक्टर का ट्रांसफर अब बलिया करा देंगे। यदि बलिया में ट्रांसफर नहीं करा पाए तो राजनीति छोड़ देंगे। धमकी के बाद इंस्पेक्टर मवाना ने विधायक को समझाने की कोशिश की। इंस्पेक्टर एक बार यहां तक कह गए कि नौकरी करनी है, कहीं करेंगे लेकिन तुरंत बाद पलटते हुए बोले, ‘विधायक जी आप नाराज न हों किसी को भेज दें, मैं अभिलेखों से नाम काटकर उसे छोड़ दूंगा।’ इसी दौरान विधायक का फोन डिस्कनेक्ट हो जाता है। विधायक से बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल स्विच आफ आ रहा है। इंस्पेक्टर सिर्फ इतना कहना रहा कि आरोपी को छोड़ दिया गया है।
इस मामले ने भाजपा के विधायकों पर सवालिया निशान लगाना शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि पिछली सरकार में विधायकों और मंत्रियों की तानाशाही के कारण भाजपा को सत्ता सौंपने वाली जनता को भाजपा से भी कोई राहत नहीं मिलती दिखाई दे रही है। यह मामले उस समय सामने आ रहे हैं जब 2019 के चुनाव जल्द होने वाले है।