लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग मंगल को लोकभवन में की गयी। इस बैठक में कई अहम फैसले भी लिए गये। आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रीमंडल के साथ बैठक की, इस बैठक 4 बड़े प्रस्ताव पास हुए. जिसके बाद कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह प्रेस वार्ता के दौरान कैबिनेट बैठक में प्रस्तावित बिन्दुओं की मंजूरी के बारे में जानकारी दी। उनके अनुसार इस बैठक में कई प्रस्तावों पर बातचीत भी की गयी है।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने फैसलों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई हुई, वहीं इस दौरान साथ अहम प्रस्तावों को कैबिनेट में मंजूरी दी गयी। इस बैठक में लिए गये फैसलों में मुख्य रूप से मुजफ्फरनगर में कृषि विज्ञान केंद्र को मंजूरी, कृषि विज्ञान केंद्र के लिए जमीन स्थान्तरण का प्रस्ताव पास, सिंचाई विभाग की जमीन कृषि विज्ञान केंद्र के लिए हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। भदोई कार्पेट एक्सपोर्ट मार्ट के प्रस्ताव को मंजूरी, एक्सपो मार्ट के प्रबंधन, संचालन की व्यस्था के लिए प्रस्ताव पास किया गया है।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मैनेजमेंट आपरेशन के लिए दस साल के लिए टेंडर टीम का गठन किया जाएगा, पर्यटन विभाग में 63.65 किलोमीटर रोड का चैड़ीकरण कराने की मंजूरी बनी है। लखीमपुर खीरी से दुधवा नेशनल पार्क तक 63.65 किमी सड़क का चैड़ीकरण और लखीमपुर से दुधवा पार्क तक डबल लेन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है और इसके लिए बजट को भी मंजूरी दे दी गयी है। इसकी लागत 200 करोड़ होगी, अशासकीय सेल्फ फाइनेंस महाविद्यालयों में प्राचार्य,सह प्राचार्य पद पर उच्च शिक्षण संस्थाओं में 15 वर्ष के अनुभव रखे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस दौरान मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बीते दिनों राजभवन के पास हुई घटना पर कहा कि राजभवन के सामने हुई घटना पर सरकार सख्त है.एजेंसी अपना काम कर रही है। अपराधी पकड़े जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि इस बैठक के पहले माना जा रहा था कि इसमें अपर निजी सचिव ;एपीएस भर्ती की सीबीआई जांच पर फैसला हो सकता है। लेकिन खबर लिखे जाने तक इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हो पायी है। उल्लेखनीय है कि दरअसल 2010 में शुरू होकर 2017 में संपन्न होने वाली इस भर्ती प्रक्रिया की जांच के लिए सीबीआई ने खुद दिलचस्पी दिखाई थी और मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। डेढ़ महीने की कवायद के बाद अब इसे कैबिनेट के जरिए सीबीआई जांच की सिफारिश कराने का फैसला किया गया है।