लखनऊ। लखनऊ के कई इलाकों में खस्ताहाल इमारतें जानलेवा होती जा रही है। उल्लेखनीय है कि कल ही लखनऊ के डीएम ने खस्ताहाल इमारतों से दूर जाने का आदेश जारी किया था। उनके आदेश के दूसरे दिन ही हादसा पेश आया। गुरूवार की रात भर हुई बारिश के बाद शुक्रवार की सुबह शहर मे एक के बाद तीन जर्जर मकान गिर गए मकानो के मलबे मे दब कर दो मासूमो समेत पांच लोगो की दर्दनाक मौत हो गई और आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए शहर मे एक ही दिन मे लगातार तीन मकान गिरने की खबर के बाद शहर मे हल चलमच गई। दो मकान हुसैनगंज थाना क्षेत्र मे धराशाई हुए जबकि एक जर्जर मकान अमीनाबाद के गणेश गंज मे गिरा मकानो के मलबे मे दब कर घायल हुए लोगो को सिविल अस्पताल मे भर्ती कराया गया है घायलो मे कई की हालत नाजुक बताई जा रही है।
जर्जर मकानो की जद मे आकर मौत के मुंह मे समाए लोगो के शवो को पोस्ट मार्टम के लिए भेजा गया है। शुक्रवार की सुबह लगभग आठ बजे अमीनाबाद के गणेशगंज मे सुरक्षा गार्ड सर्वेश के मकान की छत ढह गई जिसके मलबे मे दब कर उनकी 8 साल की मासूम बेटी आशी की दर्दनाक मौत हो गई जबकि उनकी पत्नी सरिता गम्भीर रूप से घायल हो गई । गणेशगंज मे इस मकान के गिरने के बाद पूरे इलाके मे कोहराम मच गया आसपास के लोग दौड़ कर आए और मकान के बलबे मे फसे लोगो को बाहर निकालने के प्रयास मे लग गए सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुॅची और किसी तरह से मलबे से निकाल कर घायल को अस्पताल पहुॅचाया। मकान गिरने की दूसरी दुखद घटना हुसैनगंज के उदयगंज मे हुई यहा जर्जर मकान की छत गिरने से मूल रूप से बहराईच के रहने वाले 22 वर्षीय इम्तियाज और 25 वर्षीय शहाबुददीन की दर्दनाक मौत हो गई जबकि 4 अन्य लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए घायलो को विसिल अस्पताल मे भर्ती कराया गया है और हादसे मे मौत के मुंह मे समाए लोगो के शवो को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया गया है।
मकान किरने की तीसरी बड़ी घटना भी हुसैनगंज थाना क्षेत्र के भेड़ी मंडी मे हुई यहा एक जर्जर मकान गिरने से गली से अपनी माॅ के साथ स्कूल जा रही 8 साल की माूम बच्ची वैष्णवी की दर्दनाक मौत हो गई और उसकी माॅ निर्मला भी घायल हो गई। हादसे मे मौत के मुंह मे समाई वैष्णवी गोलडी कान्वेन्ट स्कूल मे पढ़ती थी और सुबह के समय अपनी माॅ निर्मला के साथ स्कूल जा रही थी तभी मकान की दीवार गिरी और दीवार की जद मे आकर मासूम वैष्णवी की मौत हो गई। मकान गिरने के बाद पूरे इलाके मे कोहराम मच गया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुॅची। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को गिरे सभी मकान जर्जर हो चुके थे लेकिन बावजूद इसके इन खतरनाक मकानो को न तो नगर निगम ने ही ध्वस्त करने की कोई कार्यवही की और न ही इन मकानो के मालिको ने अपने इन जर्जर मकानो को ध्वस्त कराया जिसका अन्जाम ये हुआ की दो मासूमो सहित चार लोगो की जान चली गई और आधा दर्जन लोग घायल हो गए।