-न्यूज 7 एक्सप्रेस ब्यूरो
लखनऊ। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के डीजीपी पुलिस को जनता के प्रति अपना व्यवहार ठीक करने की नसीहत दे रहे है। वहीं दूसरी तरफ योगी राज में उत्तर प्रदेश पुलिस के कई कारनामे विभाग की साख पर बट्टा लगाते दिख रहे है।उत्तर प्रदेश पुलिस के कारनामों की लिस्ट में अब एक और नया कारनामा जुड़ गया है। कभी यूपी पुलिस आम इंसान का एनकाउंटर कर उसे बीच सड़क पर गोली मार देती है तो कभी बदमाशों से मुठभेड़ में अपनी पिस्टल ने नहीं बल्कि मुंह की आवाजों से ठांय-ठांय के जरिये अपराध को रोकने का प्रयास करती है। अब प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक नया आरोप उनके सर मढ़ा है। बीते दिन गरीब नाबालिग बच्चों को बुरी तरह पीटने का आरोप लखनऊ पुलिस पर लगा है।
उल्लेखनीय है कि एक वीडियो सामने आया है जिसमें बच्चे दिख रहे हैं, रोते हुए उन बच्चों के शरीर पर जहाँ एक चोट के निशान हैं तो दूसरी तरफ उनकी रोजी रोटी का जरिया यानी उनका स्ट्रीट फूड का ठेला, जो जमीन की धूल फांक रहा है,लखनऊ के नरही क्षेत्र में बच्चे सड़क किनारे अपना खाने का ठेला लगा कर इज्जत के 4 पैसे कमाने की कोशिश करते हैं। लेकिन असंवेदन शील लखनऊ पुलिस को ये नागवार होता है और वह ठेला हटवाना चाहती है,इसमें कोई बुराई नहीं है, ये पुलिस का काम है कि सड़क पर अतिक्रमण हटवाएं. बल्कि एक अच्छा नागरिक होने के नाते बच्चे हो या बड़े उन्हें ऐसा अतिक्रमण नहीं लगाना चाहिए लेकिन यहाँ पुलिस की उस कार्य शैली पर सवाल उठ रहा है कि अतिक्रमण हटवाये के लिए क्या बच्चों को इस बेरहमी से मारने की जरूरत थी, और अगर वे ठेला नहीं हटाना चाहते थे तब भी उनको मारने के साथ उनकी रोजी रोटी के जरिए को बर्बाद करना उचित था।
बहरहाल पुलिस ने ये किया या नहीं किया और अगर किया तो क्यों किया ये तो जांच का विषय होना चाहिए, लेकिन आसपास के लोगों ने और पीड़ित बच्चों ने पुलिस पर आरोप लगाए है,आरोप सही हैं या नहीं इससे ज्यादा जरूरी ये भी है कि आये दिन विवादों में रहने वाली पुलिस अपनी वर्दी पर इस तरीके से दाग लगने से रोके, क्योंकि इससे जनता का पुलिस प्रशासन से विश्वास उठने लगता है और ऐसे में आम जनता पुलिस के पास जाने से पहले कई बार सोचने को मजबूर हो जाती है, वहीं पुलिस का विवादों से नाता यूपी सरकार के लिए भी मुसीबत बनता है क्योंकि पुलिस के रवैया का सीधा असर सरकार पर पड़ता है और जवाब देही सरकार की हो जाती है। वहीं इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों की परेशानी फिर बढ़ सकती है क्योंकि वह राजधानी में लगातार हो रहे क्राइम और हत्याओं का वर्कआउट तो कर नहीं पा रही है वहीं दूसरी तरफ उनके पुलिसकर्मियों का यह काम फिर परेशानी में डाल सकता है।