लखनऊ। योगी सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी यूपी में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कोरोना वायरस के भंवर में फंसती ही जा रही है। शनिवार को छह नए मरीजों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसमें नए मरीज दो तोपखाना, एक गोमतीनगर, एक एफएआइ कॉलेज में भर्ती और दो निजी लैब में पुष्टि हुई है। ऐसे में राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 235 पहुंच गई है। जिसमें शहर के 154 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बता दें, बीते दिन यानी शुक्रवार को सात मरीज संक्रमित पाए गए थे। इसमें पांच नक्खास, शेष दो खदरा व लालबाग इलाकों से निकले। दो दिन में 13 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है।
चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया की प्रदेश में कोराना वायरस संक्रमितों के 127 नए मामले सामने आए हैं।
अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पूरे प्रदेश में शनिवार से अस्पतालों में शिशुओं के टीकाकरण का काम शुरू हो गया है। अस्पतालों में टीकाकरण बुधवार और शनिवार को होता है। लॉकडाउन की वजह से जिन बच्चों के टीके लगने में विलम्ब हो गया हो, उन्हें अब तुरंत लगवा लें।
उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों की पूरी स्क्रीनिंग करके ही घर भेजा जाएगा। जिनमें जरा भी लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें वहीं मौके पर ही अस्पताल में सात दिन के लिए भेज दिया जाएगा। दोबारा निगेटिव आने पर ही उन्हें छोड़ा जाएगा। फिर 21 दिन घर पर ही रहना होगा। उनके घर के आगे फ्लैग लगा दिया जाएगा कि अमुख तारीख तक श्रमिक को घर पर क्वारंटाइन किया जाएगा।
उनकी निगरानी के लिए गांव में प्रधान की देखरेख में निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। इसमें आशा बहुएं, युवक मंगल दल व अन्य लोग होंगे। इसी तरह शहर में पार्षद की निगरानी में मोहल्ला समिति का गठन किया जाएगा।
प्रमुख सचिव ने बताया कि अब तक 341 पूल टेस्ट किए गए हैं। शुक्रवार को 3356 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। 4431 नमूनों का परीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की करीब 23 करोड़ आबादी के हिसाब से सामने आ रहे कोरोना पॉजिटिव के मामले अभी पूरी तरह नियंत्रण में हैं।