लखीमपुर-खीरी। अपनी दादी के साथ गेहूं पिसाने गया एक 12 वर्षीय बच्चा चार दिन पहले गुम हो गया था। परिवार द्वारा सदर कोतवाली में बच्चे की गुमशुदगी दर्ज करा दी गई थी। गुमशुदगी दर्ज होने के करीब 40 घंटे बाद क्राइम ब्रांच के सहयोग से पुलिस ने बच्चे को बरामद कर लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 10 दिसम्बर की दोपहर शिव कालोनी निवासी राम प्रकाश मिश्रा का पोता रोचक (12) अपनी दादी बिटोला के साथ गेहूं पिसाने के लिए निकला था।
जहां से वह अपनी दादी से कुछ देर में आने को बोलकर निकला और लापता हो गया। परिवार ने करीब एक दिन बच्चे की तलाश की लेकिन बच्चा नहीं मिला। जिसके बाद 11 तारीख की शाम करीब नौ बजे राम प्रकाश मिश्रा ने अपने पोते के गुमशुदा होने की तहरीर कोतवाली पुलिस में दे दी। पुलिस ने जब रोचक के पास मौजूद मोबाइल नंबर पर सम्पर्क किया तो उसने फोन रिसीव किया। लेकिन अपनी सही लोकेशन नहीं बताई। पुलिस की मानें तो तहरीर मिलने के बाद से कोतवाली पुलिस द्वारा रोचक के मोबाइल नंबर पर कई बार काल की गई पर रोचक ने हर बार अपना गलत पता बताया।
कई घंटे चला यह आंख मिचैली का खेल जब परिवार को समझ नहीं आया तो उन्होंने एसपी खीरी से मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई। जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी खीरी पूनम ने मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया। बस फिर क्या था। कुछ ही घंटों में क्राइम ब्रांच की टीम ने बच्चे को लखीमपुर-गोला रोड पर स्थित मोहल्ला गोटैय्याबाग के मोड़ से बरामद किया। रोचक की मानें तो उसका एक दोस्त उसे लेकर सीतापुर चला गया था। जहां उसने उसे एक दुकान पर बैठा दिया था। रोचक जिस साइकिल से गेहूं लेकर घर से निकला था वह साइकिल एक छात्रावास बेहजम रोड में बरामद हुई है। पुलिस ने बरामदगी के बाद बच्चे को उसके बाबा के सुपुर्द कर दिया है।
अपने आपको हाईटेक कहने वाली सदर कोतवाली पुलिस 12 वर्षीय रोचक के आगे बेबस दिखी। 10 दिसम्बर की शाम करीब नौ बजे रोचक के गुमशुदगी की तहरीर कोतवाली पुलिस को मिल गई थी। जिसके बाद रोचक के मोबाइल नंबर से पुलिस को संपर्क भी हो गया परंतु पुलिस ने बच्चे के मोबाइल की लोकेशन निकलवाकर उसे कुछ ही घंटे में बरामद न कर अपनी कार्यशैली को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। जबकि क्राइम ब्रांच के पास मामला जाने के बाद इसी तकनीकि के सहारे क्राइम ब्रांच 13 दिसम्बर को कुछ ही घंटों में रोचक को शहर के पास से ही बरामद करने में कामयाब रही।