लाखों का कर दिया भुगतान, डीएम के आदेशों को किया जा रहा अंदेखा

फर्जी पट्टे की जमीन को सिंचाई विभाग ने किया अधिग्रहण
ललितपुर। सिंचाई विभाग द्वारा फर्जी तरीके से पट्टे की जमीन के अधिग्रहण के मामले में एक माह वीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लायी गयी है। जबकि न्यायालय के आदेश में स्पष्ट रूप उपजिलाधिकारी को आदेश जारी किये गये हैं, वह भू अधिग्रहण में संलिप्त व इन्द्राज गलत दर्ज करने में आरोपी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुये, वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जाने के आदेश जारी किये थे।
सिंचाई विभाग द्वारा कचनौदा बाँध में भूमि अधिग्रहण के कई ऐसे मामले प्रकाश में जहां पर विभागीय अधिकारियों अपने निजी हितों को देखते हुये, बिना राजस्व अभिलेखों की जाँचकर भूमि अधिग्रहण कर शासकीय धन को क्षति पहुंचायी है। ऐसा ही एक मामला हालही में प्रकाश में आया है, जहाँ पर एक व्यक्ति द्वारा गलत तरीके से इन्द्राज दर्ज कराकर ग्राम सभा की जमीन अपने नाम पर पट्टे की दिखा कर सिंचाई विभाग को दे दी। जिस कारण उन्होंने विभाग से करोड़ों की रकम भी मुआवजे की रूप में ले ली। इस प्रकरण की शिकायतें की गयी, जिसकी जाँच भी करायी गयी, साथ ही इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी न्यायालय में एक वाद दर्ज किया गया। जिसमें जिलाधिकारी द्वारा 16 जनवरी 2020 को फैसला सुनाया गया। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि सिंचाई विभाग द्वारा अधिग्रहित आराजी संख्या 158 पट्टा गलत तरीके से आवंटित किया गया। जिसकी पुष्टि तहसीलदार द्वारा 10 मई 2019 को दिये आदेश में पट्टे को निरस्त कर दिया गया था। जिलाधिकारी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि तहसील की आख्या के आधार पर पट्टा अवैधानिक रूप से अभिलेखों में फर्जी इन्द्राज पाया गया। उन्होंने आदेश दिये कि पट्टा न होने के बावजूद अभिलेखों में आराजी संख्या 158 पर विपक्षी का नाम फर्जी दर्ज किये जाने के सम्बन्ध में दोषी व्याक्तियों/अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुये, आख्या इस न्यायालय में मांगी गयी थी। लेकिन जिलाधिकारी के इस आदेश के बावजूद भी अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी गयी है। न ही कोई कानूनी कार्यवाही अमल में लायी गयी है। ऐसे में शासकीय धन को हड़पने वाले षडय़ंत्रकारी लोग खुलेआम घूम रहे हैं।

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