लखनऊ।गैर राज्यों में रह रहे यूपी के श्रमिक बड़ी संख्या में यूपी आ रहे हैं। ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना भी एक बड़ी चुनौती है। इसको देखते हुए सरकार कार्ययोजना बनाने में जुट गई है। उप्र के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने शनिवार को कहा कि यूपी में 15 से 20 लाख रोजगार के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने कहा कि यूपी में आज अब तक 2455 संक्रमित मरीज सामने आए हैं इनमें 1756 एक्टिव केस हैं। आज कुल 127 नए मामले आए हैं। अभी तक 656 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं जबकि 43 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। अब तक 4431 सैंपल का परीक्षण किया गया है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अन्य राज्यों से लौटे श्रमिकों को रोजगार देने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। काम के दौरान इन्हें शोषण से बचाने के लिए अब प्रदेश सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लाने की तैयारी में है। इसके जरिए श्रमिकों के काम के घंटे और वेतन तय किए जाएंगे। सीएम योगी ने जल्द ही अध्यादेश को तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए बनाई गई टीम-11 के साथ शनिवार को हुई बैठक में सीएम योगी बाहर से आए श्रमिकों को रोजगार देने की योजना पर चर्चा कर रहे थे।
कोरोना लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के करीब 15 लाख श्रमिक गृह राज्य वापस आ रहे हैं। इनमें से कुछ पहले ही बसों के जरिए आ चुके हैं। सीएम योगी ने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ लॉकडाउन की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि श्रमिकों के लिए 1200 दिनों के लिए एक अध्यादेश तैयार कर लें, जिसमें उनका वेतन और उनके कार्य करने का समय निर्धारित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि 15 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का कार्य प्रारंभ कर देना चाहिए।
समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने कहा कि जिस प्रकार से चीनी मिल और ईंट भट्टों को चालू किया गया है, ठीक वैसे ही अन्य उद्योगों को चलाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जाए। उद्योगों को सावधानीपूर्वक शुरू किया जाए, साथ ही उद्योगों का प्रोटोकॉल भी निर्धारित किया जाए। उन्होंने कहा कि गृह विभाग राज्य सरकारों से बात करके ये स्पष्ट कर ले कि जिनका नाम उनके द्वारा भेजी गई सूची में नहीं होगा, उनको प्रवेश देना संभव नहीं होगा। मंडियों मे सोशल डिस्टेसिंग का पालन सुनिश्चित कर लें।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी सभी विभागों को वेतन और पेंशन देने में कोई कटौती नहीं की गई, राजस्व की प्राप्ति कम होने के बाद भी सभी व्यवस्था को सही ढंग से चलाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वॉर्ड और गांव में तत्काल एक निगरानी समिति बनाएं। प्रदेश में बड़े स्तर पर दुग्ध समितियों का गठन कर लें।
हॉटस्पॉट एरिया में खुल सकती हैं ये दुकानें: मुख्य सचिव आर के तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में हॉटस्पॉट क्षेत्रों के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे कस्बों में स्थित दुकानें विशेष रूप से निर्माण सामग्री यथा ईंट, सीमेंट, मौरंग, बालू, सरिया, हार्डवेयर आदि तथा मोबाइल रिपेयर करने वाली दुकानों को सशर्त खोले जाने की अनुमति दी जाएगी। इन दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजेशन के प्रावधानों तथा गृह मंत्रालय के निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा।