सीतापुर। शहर सीतापुर का नामी गिरामी सेठी हॉस्पिटल जिस तरीके से टैक्स चोरी के मामले में फंसता चला जा रहा है उसी तरीके से उसमें अपने सवालों के घेरे भी बने जा रहे हैं क्योंकि अब सवाल यह उठ रहा है कि सेठी हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड सर्विस के नाम पर लिंग परीक्षण किया जा रहा है और यह लिंग परीक्षण करना कानूनी अपराध माना जाता है। हालांकि इस मामले में अभी तथ्य पूर्ण तरीके से नहीं कहा जा सकता है लेकिन जांच के दायरे में आता है और जांच करने के बाद ही यह पता चल सकता है कि सेठी हॉस्पिटल में जिस तरीके चर्चाएं सामने आ रहे हैं उसने भ्रूण लिंग परीक्षण से भी उसे जोड़ा जा रहा है।
भ्रूण लिंग परीक्षण करना सरकार के कानूनों को तोड़ना बताया जाता है कि इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कक्ष के अंदर यह सब खुलेआम चल रहा है बताते हैं कि जब किसी को ऐसा करना होता है तो दलालों की मार्फत वह हॉस्पिटल का रूप करता है और हॉस्पिटल में बैठे चिकित्सक किसी न किसी बहाने से उसका लिंग परीक्षण करवा देते हैं क्योंकि बताते चलें चिकित्सा अधिकारी को इस क्षेत्र में महारत हासिल होता है कि वह किसी का भी कोई भी बीमारी के चलते दिखा करके परीक्षण करवा सकता है कहने का तात्पर्य है कि अल्ट्रासाउंड करवा सकता है और वह कानूनी दायरे में आता है।
लेकिन किसी भ्रूण लिंग को इसी प्रकार से बहुत दायरे में ले आते और उसका कोई बीमारी के चलते परीक्षण करवा दिया जाता है जिससे कि यह पता चल जाता है कि मरीज के गर्भ में कौन सा पल रहा है हालांकि यह जांच के दायरे में आता है क्योंकि गोपनीय स्तर से अगर इस बात की तफ्तीश कराई जाए और किसी मरीज को देखा जाए तो ऐसा हो सकता है बाकी इस मामले से जुड़े ना तो कोई दस्तावेज मिल सकते हैं और ना ही पुख्ता तौर पर इस बात को कहा जा सकता है।
लेकिन चर्चाओं के आधार पर यह मामला सामने आ रहा है अगर ऐसा नहीं है तो यह मामला सामने क्यों आ रहा है आखिरकार कोई तो सकता हो एक कहावत है कीष् बिना आपकी धुआ नहीं उठताष् अब सत्यता क्या है यह तो जांच के दायरे में आता है और उसी के बाद ही पता चल सकता है कि आखिरकार भ्रूण लिंग परीक्षण इस अस्पताल में होता है लेकिन चर्चाओं को भी दरकिनार करके उनको नकारा नहीं जा सकता है अगर ऐसा हो रहा है तो यह सरकारी नियम और कानूनों के साथ खिलवाड़ हो रहा है और कहीं न कहीं सत्यता सामने आ ही जाती है लेकिन जिस प्रकार से यह निकलकर सामने आ रहा है।
अगर ऐसा सेठी हॉस्पिटल के अंदर हो रहा है तो यह काफी दुखद है और इसके लिए सरकार ने जुर्माना और सजा का भी प्रावधान कर रखा है लेकिन यह तब हो सकता है जब इस तरीके का प्रकरण सामने आए उसके लिए एक गोपनीय स्तर से टीम का गठन करते महकमे को अपने स्तर से संज्ञान में लेना चाहिए क्योंकि इस बात को नकारा कतई नहीं जा सकता है और अगर यह वाक्य सत्य है कि सेठी हॉस्पिटल में भ्रूण लिंग की जांच होती है तो अस्पताल के ऊपर कानूनी शिकंजा कसना होगा और यह सभी के लिए निजी हॉस्पिटल चलाने वालों को एक सबक हो जाएगा कि ऐसा करने वाली अस्पताल अब चेत जाएं।
क्योंकि सरकार के नियमों के साथ अनदेखी कतई बर्दाश्त कि नहीं जाएगी लेकिन यह भी देखना होगा कि इसमें कितनी जांच होती है क्या वाकई सेठी हॉस्पिटल भ्रूण लिंग जांच अपराध में शामिल है या नहीं सत्यता जो भी हो स्वास्थ्य महकमे को इस पर विशेष ध्यान देना होगा और इसकी गोपनी सघन तथा गंभीरता से जांच करनी होगी।