सीतापुर: बेलगाम अफसरशाही से कराह रहे जनपदवासी


क्रासर- जरायम से ताल्लुक रखने वाले अपराधी तो दूसरी तरफ भू-माफिया सक्रिय
क्रासर- यूपी की योगी सरकार के दावो की सीतापुर जिले में उड़ रही धज्जियां

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इसे कहते है कि ‘‘चिराग तले अंधेरा’’ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटा सीतापुर जिला सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपने को चूर-चूर कर रहा है। सीतापुर जिले में शासन की प्राथमिकता वाले मामलों को जरा भी तवज्जो नही दी जा रही है, वही जरायम से ताल्लुक  रखने वाले अपराधी तथा भू-माफियाओं का गठजोड़ सीतापुर जिले में परवान चढ़ रहा है, जिसके चलते जहां सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जे किये जा रहे है, वही आम आदमी को मूली गांजर की भांति काटते हुये उन्हे मौत के घाट उतारा जा रहा हैै। सवाल यह उठता है कि जब सूबे की राजधानी से सटे जिला सीतापुर का यह हाल है, तो सुदूर जनपदो की स्थिति क्या होगी, इसका आंकलन यूपी का प्रत्येक नागरिक अब करने लगा है।

चैकिये नही यह मै नही कह रहा हूं, सीतापुर जिले के भाजपा नेता आरपी सिहं चैहान का यही कहना है कि सीतापुर जिले में भू-माफिया और अधिकारियो की सांठ गांठ ने योगी सरकार की छवि पर दाग लगाने का काम किया है, जो कि उचित नही है। सीतापुर जिलें में तैनात अधिकारियों को भाजपा सरकार की नीतियोे और रीतियों का आम जन मानस तक पहुंचाना चाहिए, जबकि सीतापुर जिले के अधिकारी सरकार के निर्देशों को दरकिनार करते हुये ‘‘अपना राग, अपनी ढ़पली’’ बजाने का काम कर रहे है। भाजपा नेता आरपी सिंह चैहान ने कहा कि सीतापुर शहर के मुंशी गंज मोहल्ले में अभी हाल ही में पुलिस के अधिकारियो के इशारे में निहत्थे मोहल्ला वासियों पर जो लाठी बरसाई गई है, उसने योगी सरकार के दामन को चाक करके रख दिया है। यह दमानात्मक कृत्य सीतापुर पुलिस की कार्यशैली को जहां उजागर कर रहा है, वही प्रदेश की योगी और केन्द्र की मोदी सरकार की छवि खराब करने के लिये काफी है। मेरे विचार से सीतापुर जिले के डीएम और एसपी को अपनी कार्यशैली में सुधार लाना चाहिए, जिससे उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार लोगो के दिलो दिमाग में बस जाये।

मासूमों की लूटी जा रही आबरू

कानून व्यवस्था पर यदि नजर डाली जाये तो सीतापुर जिले का ग्राफ सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गयास है। सकरन थाने पर अभी हाल ही में एक नौ वर्षीय बच्ची की आबरू लूट ली गई, वही शहर के मध्य भाई ने भाई को दौड़ा-दौड़ाकर मौत के घाट उतार दिया, वह भी शहर कोतवाली से चन्द कदम की दूरी पर, इसके अलावा सीतापुर जिले में सट्टा एवं जुआं भी वहां के रहने वालो को बरबाद कर रहा है। सट्टा और जुऐं की वजह से कई घर तबाह हो गये, मामले का शर्मनाक पहलू तो यह है कि सीतापुर जिले की पुलिस इन आपराधिक मामलों पर लगाम लगाने में अभी तक नाकाम साबित हुई है।

आफिस देर से पहुंच रहे अधिकारी

सीतापुर जिले के डीएम अखिलेश तिवारी की बात करें तो वह समय पर अपने आफिस पहुंच रहे है, जबकि जिले की सातो तहसीलों में तैनात उप जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी तथा तहसीलदार समय पर अपने आफिस नही पहुंच रहे है, जिसके चलते इन तहसीलों पर आने वाले फरियादी इंसाफ के लिये ठोकरे खाते नजर आ रहे है, कई तहसीलों में पीड़ित व्यक्ति प्रदेश सरकार को इसके लिये जिम्मेदार मान रहे है, उनका कहना है कि प्रदेश सरकार यदि सख्त कदम उठाये तो लेट लतीफी करने वाले अधिकारी अपनी कार्यशैली सुधारेगें, वरना स्थिति और भी ज्यादा खराब होती जायेगी। पूरे प्रकरण का पक्ष जानने के लिए जब जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी से वार्ता करनी चाही गई तो उनका मोबाइल नंबर ऑपरेटर उठा रहा था हमारे संवाददाता ने फिर कई बार प्रयास किया लेकिन उनसे वार्ता नहीं हो पाई तत्पश्चात लखनऊ आयुक्त अनिल गर्ग  से बात की उन्होंने बताया कि प्रकरण मेरी जानकारी में नहीं है प्रकरण की जानकारी कर उचित कार्यवाही की जाएगी।

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