लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी समाजवादी पार्टी के बिजली फ्री कराने के आवेदन फार्म भरवाने का विरोध होने लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के अधिवक्ता योगेश सोमवंशी ने निर्वाचन आयोग के पास समाजवादी पार्टी की मान्यता समाप्त करने के लिए प्रत्यावेदन भेजा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता योगेश सोमवंशी ने केन्द्रीय चुनाव आयोग को प्रत्यावेदन भेजकर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में समाजवादी पार्टी की मान्यता खत्म करने की मांग की है। सोमवंशी का मानना है कि प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी जनता से 300 यूनिट फ्री बिजली के लिए समाजवादी फॉर्म भरवाना आरपी एक्ट (रिप्रेसेंटेशन एक्ट) की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण है। इस तरह से किसी भी प्रलोभन की आदर्श चुनाव आचार संहिता में रोक है।
योगेश सोमवंशी ने मांग की है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इस तरह के भ्रष्ट आचरण के कार्य को को तत्काल रोकें अन्यथा पार्टी की मान्यता की समाप्त की जाए। उन्होंने गुरुवार को ही केन्द्रीय निर्वाचन आयोग को ई-मेल के साथ ही रजिस्टर्ड पोस्ट से अपना यह प्रत्यावेदन भेजा है।