अतीक- अशरफ के हत्यारे ऐसे पहुंचे थे प्रयागराज, सवाल- मास्टरमाइंड कौन?

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद जांच तेज कर दी गई है। हत्याकांड की जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। वहीं, यूपी डीजीपी की ओर से एक एसआईटी गठित की गई है। एक अन्य एसआईटी का गठन प्रयागराज कमिश्नर की तरफ से किया गया है।

जांच टीम लगातार विभिन्न पहलुओं को देख रही है। 15 अप्रैल की रात 10:35 बजे कॉल्विन अस्पताल परिसर में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन हत्यारों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन तीनों हत्यारों को लेकर कई अहम जानकारियां सामने आई हैं।

हत्याकांड में शामिल अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और मोहित उर्फ सनी से अलग-अलग जिलों से हैं। वे कैसे मिले और कैसे उन्होंने अतीक की हत्या की प्लानिंग रची। इस हत्याकांड के पीछे का मास्टरमाइंड कौन है? कैसे वे प्रयागराज पहुंचे? इन तमाम सवालों के जवाब ढूंढ़ने का प्रयास किए जा रहे हैं। ताजा खुलासा तीनों शूटरों के प्रयागराज पहुंचने के रूट मैप को लेकर हुआ है। खुलासे के बाद अब जांच टीम शूटरों के दावों की पड़ताल कर रही है।

पुलिस सूत्रों के हवाले से आई जानकारी के मुताबिक, अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या करने वाले शूटर बस के जरिए लखनऊ से प्रयागराज पहुंचे थे। अब तक उनके ट्रेन से यहां आने की बात कही जा रही थी। यह बड़ा खुलासा एसआईटी की जांच में सामने आया है। तीनों शूटर सिविल लाइन बस स्टैंड पर उतरने के बाद ई-रिक्शा पर सवार हुए। रेलवे जंक्शन सिटी साइड की तरफ जाकर बातचीत की थी।

इसके बाद तीनों ने किराए पर होटल में कमरा लिया। तीनों अभियुक्तों से शनिवार की पूछताछ के दौरान इसका पता चला है। हालांकि, पुलिस को उनके बस से आने का कोई प्रमाणिक साक्ष्य अब तक नहीं मिला है। पुलिस मोबाइल के कॉल डिटेल से इस तथ्य की पुष्टि कर रही है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि शूटर लवलेश, सनी और अरुण ने बताया कि तीनों की मुलाकात चित्रकूट में हुई थी। इसके बाद वे लोग दिल्ली गए। वहां से हथियार लिया। दिल्ली से तीनों हत्यारे लखनऊ पहुंचे। लखनऊ से वे बस के माध्यम से प्रयागराज आए। शुरुआती पूछताछ में तीनों ने अपने रूट मैप की जानकारी नहीं दी थी। पुलिस का कहना है कि अब कड़ाई से पूछताछ में तीनों ने आने-जाने के रास्ते में जानकारी दी है। इसका पता लगाया जा रहा है कि ये लोग सही बोल रहे हैं या नहीं। इसकी तफ्तीश के बाद आगे की कार्रवाई तेज हो सकती है।

पुलिस पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी मोहित उर्फ सनी से 5 दिनों से एसआईटी पूछताछ कर रही है। उससे तमाम जानकारी हासिल की जा रही है। तीनों के मोबाइल भी बरामद कर लिए गए हैं। हालांकि, हत्याकांड की साजिश रचने वाला मास्टरमाइंड कौन है? इसका अभी तक पता नहीं चल सका है। सनी ने दिल्ली के जितेंद्र राठी से हथियार मिलने की बात मान ली है। लेकिन, जितेंद्र के पीछे कौन था? यह साफ नहीं हो सका है। दिल्ली निवासी शूटर जितेंद्र राठी की करीब एक साल पहले हत्या हो चुकी है।

अतीक और अशरफ हत्याकांड के बाद पुलिस एक्शन काफी तेज है। शाहगंज पुलिस और एसओजी ने घटनास्थल के एक किलोमीटर के दायरे में 50 से अधिक होटल, रेस्टोरेंट, मेडिकल स्टोर समेत अन्य दुकानों के सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर कब्जे में लिया है। डीवीआर में ही सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग रहती है। हफ्ते भर बाद भी डीवीआर वापस नहीं मिलने से दुकानदार अब रोष जता रहे हैं।

दुकानदारों और होटल संचालकों का कहना है कि पुलिस फुटेज को कॉपी कर डीवीआर वापस कर दे, क्योंकि उनके कैमरे की रिकॉर्डिंग नहीं हो रही है। अगर कोई और मामला हुआ तो कैमरे की फुटेज नहीं रहेगी। कुछ होटलों में दूसरी डीवीआर लगा दी गई है, लेकिन बाकी कैमरे ऐसे ही चल रहे हैं। पुलिस का कहना है कि तमाम फुटेज को चेक किया जा रहा है। इसलिए डीवीआर पर रखा गया है।

कोर्ट ने तीनों शूटरों सनी, लवलेश और अरुण का कस्टडी रिमांड पुलिस को 5 दिनों के लिए दिया था। यह कस्टडी रिमांड रविवार को समाप्त हो रहा है। ऐसे में एसआईटी आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद वापस प्रतापगढ़ जेल भेजने की तैयारी कर रही है। जरूरत पड़ने पर फिर से पुलिस कस्टडी रिमांड ली जा सकती है। तीनों अभियुक्तों के गांव जाकर जांच करने वाले साइट इंस्पेक्टर ओम प्रकाश ने अपनी रिपोर्ट एसआईटी अध्यक्ष एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र को सौंप दी है। वहीं, आतंकी संगठन अलकायदा की ओर से शूटरों को जान से मारने की धमकी दिए जाने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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