लेह। लद्दाख में चीन से तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी अचानक लेह पहुंचे हैं। शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां पहुंचे और जवानों से मुलाकात की। हालांकि, यहां से वह गलवान घाटी, मतलब जहां चीनी सेना से झड़प हुई थी वहां जाएंगे या नहीं इसकी जानकारी अभी नहीं है।
इससे पहले सिर्फ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत को इस दौरे के लिए आना था। गौरतलब है कि शुक्रवार को सिर्फ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेह जाना था, लेकिन गुरुवार को उनके कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। फिर तय हुआ था कि सिर्फ बिपिन रावत ही लेह जाएंगे।
गलवान की झड़प के 18 दिन बाद मोदी पहली लेह-लद्दाख का दौरा कर रहे हैं। पहले से दौरे की जानकारी नहीं थी, लेकिन आज अचानक मोदी के लद्दाख पहुंचने की खबर आई। मोदी इस वक्त नीमू में 11 हजार फीट ऊंची फॉरवर्ड लोकेशन पर आर्मी, एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों से बात कर रहे हैं। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ एमएम नरवणे भी हैं। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लद्दाख पहुंचने का कार्यक्रम था, लेकिन उसे री-शेड्यूल कर दिया गया।

गलवान की घटना के बाद मोदी ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। उन्होंने कहा था कि सेना को फ्री हैंड दे दिया है। साथ ही कहा था कि हम शांति चाहते हैं, लेकिन कोई उकसाएगा तो जवाब देने में भी सक्षम हैं।
तनाव कम करने के लिए भारत-चीन की आर्मी के अफसरों की बातचीत भी हो रही है। 30 जून को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की तीसरी मीटिंग हुई थी। उसमें इस बात पर जोर रहा है कि विवादित इलाकों से सैनिक हटाए जाएं।
बता दें कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प के दौरान कर्नल संतोष बाबू सहित 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से सीमा पर भारी तनाव है। दोनों ओर से बड़ी संख्या में सैनिक और बड़े-बड़े हथियार तैनात हो चुके हैं।