आम बजट: किसानों को प्यार, मोबाइल होंगे महंगे, 75+ के बुजुर्गों को रियायत

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट में एक बार फिर से मिडिल क्लास को मायूसी हाथ लगी है। इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है और न ही निवेश पर छूट की सीमा बढ़ी है, लेकिन कुछ झटके जरूर लगे हैं। दूसरी तरफ मिडिल क्लास को दिए इन्हीं जख्मों से सरकार ने किसानों को मरहम लगाने की कोशिश की है। पेट्रोल, डीजल और सोने पर सरकार की ओर एग्रिकल्चर सेस लगाया गया है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये और डीजल पर 4 रुपये कृषि सेस लगाने का प्रस्ताव बजट में पेश किया है। इसके अलावा सोने पर भी 2.5 पर्सेंट कृषि सेस लगेगा।

वित्त मंत्री ने सेस का ऐलान करते हुए बजट भाषण के दौरान कहा, ‘इससे किसानों के लिए आजीविका के अवसर बढ़ेंगे। इसके लिए संसाधनों को बढ़ाने के लिए मैं कुछ निश्चित चीजों पर एग्रिकल्चर सेस लागू करने का प्रस्ताव रखती हूं।’ हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि हम इस दौरान यह सुनिश्चित करेंगे कि ज्यादातर चीजों की खरीद पर ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ न बढ़े।

पेट्रोल और डीजल पर सेस से ग्राहकों पर असर न पड़ने के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि एक तरफ यह सेस लागू होगा तो दूसरी तरफ बेसिक एक्साइज ड्यूटी और स्पेशल अडिशनल एक्साइज ड्यूटी में कमी की जाएगी। इससे ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। इनके अलावा वित्त मंत्री ने शराब, पाम ऑइल, एप्पल, फर्टिलाइर्स, कॉटन समेत कई अन्य चीजों पर भी सेस लागू करने का फैसला लिया है।

दरअसल सरकार ने सोने पर कस्टम ड्यूटी को 12.5 फीसदी से घटाकर 7.5 पर्सेंट कर दिया है। इस तरह से मिडिल क्लास को सोने के आयात पर टैक्स में 5 पर्सेंट की राहत मिलने वाली थी। लेकिन इस पर सरकार ने अलग से 2.5 पर्सेंट का कृषि सेस लगा दिया है। इस तरह सोने पर कस्टम ड्यूटी में मिली 5 पर्सेंट की राहत अब 2.5 पर्सेंट ही रह जाएगी। सरकार ने एग्रिकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डिवेलपमेंट सेस के जरिए किसानों को राहत देने की कोशिश की है। इस सेस के जरिए जुटाई गई रकम का किसानों और कृषि से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने में इस्तेमाल किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में ‘आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ का ऐलान किया है। इस पर 64 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम खर्च करेगी।। वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए जीडीपी के 13 फीसदी हिस्से के बराबर रकम आवंटित की गई है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह मिनी बजट की तरह है।

मिडिल क्लास खाली हाथ, जानिए कैसे

  • 2014 में 3.31 करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते थे। 2020 में यह संख्या बढ़कर 6.48 करोड़ हो गई, लेकिन इन लोगों के लिए इस बार बजट में कुछ नया नहीं है। इनकम टैक्स स्लैब जस का तस है।
  • बड़ी रियायत सिर्फ बुजुर्गों के लिए है। 75 साल से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करना पड़ेगा। ये ऐसे पेंशनर्स हैं, जिनकी आमदनी सिर्फ पेंशन और बैंक में मिलने वाले ब्याज से होती है। बैंक ही TDS के तौर पर इनका टैक्स काट लेगा।
  • एक राहत ये है कि किफायती घर खरीदने वालों को लोन के इंटरेस्ट पेमेंट पर टैक्स डिडक्शन में 1.5 लाख रुपए की एक्स्ट्रा छूट का समय एक साल और बढ़ा दिया गया है। यानी 31 मार्च 2022 तक लिए गए लोन इस छूट के दायरे में आएंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021 के जरिए किसानों से लेकर मिडिल क्लास तक को साधने का प्रयास किया है। हालांकि मिडिल क्लास के हाथ एक बार फिर से मायूसी ही लगी है। इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। करीब पौने दो घंटे के भाषण में वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि 75 साल से अधिक आयु वाले बुजुर्गों को आईटीआर फाइल करने की जरूरत नहीं होगी। यह रियायत उन लोगों के लिए है, जिनकी कमाई का स्रोत पेंशन के अलावा कुछ और नहीं है।

क्या नया है इस बजट में

  • पुराने वाहनों के लिए आएगी स्क्रैप पॉलिसी। हर वाहन के लिए लेना होगा फिटनेस सर्टिफिकेट। वॉलेंट्री स्क्रैप पॉलिसी जल्द होगी लॉन्च।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु में नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट (1.03 लाख करोड़), इसी में इकॉनोमिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे। केरल में भी 65 हजार करोड़ रुपये के नेशनल हाइवे बनाए जाएंगे, मुंबई-कन्याकुमारी इकॉनोमिक कॉरोडिर का ऐलान। पश्चिम बंगाल में भी कोलकाता-सिलीगुड़ी के लिए भी नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट का ऐलान। वित्त मंत्री ने असम में अगले तीन साल में हाइवे और इकॉनोमिक कॉरिडोर का ऐलान किया।
  • वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की लॉन्चिंग का ऐलान किया। इस स्कीम पर अगले 6 सालों में 64,180 करोड़ रुपये की रकम खर्च होगी।
  • कोविड वैक्सीन को विकसित करने के लिए सरकार ने 35,000 करोड़ रुपये की रकम का आवंटन किया। वित्त मंत्री ने कहा कि यदि इससे ज्यादा रकम की जरूरत होती है तो वह भी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बजट भाषण में बताया गया कि देश में 7 टेक्स्टाइल पार्क बनाए जाएंगे, ताकि इस क्षेत्र में भारत एक्सपोर्ट करने वाला देश बने। ये पार्क तीन साल में तैयार किए जाएंगे। वित्त मंत्री की ओर से डेवलेपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट (DFI) बनाने का ऐलान किया गया, जिसमें तीन साल के भीतर 5 लाख करोड़ रुपये के उधारी प्रोजेक्ट हों।
  • बजट में ऐलान किया गया है कि रेलवे, NHAI, एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास अब कई प्रोजेक्ट को अपने लेवल पर पास करने की ताकत होगी. वित्त मंत्री ने पूजीगंत व्यय के लिए 5 लाख कोरड़ से अधिक के बजट का ऐलान किया। ये ऐलान पिछले बजट से 30 फीसदी अधिक है। इससे अतिरिक्त राज्य और स्वतंत्र बॉडी को दो लाख करोड़ रुपये भी दिए जाएंगे।
  • वित्त मंत्री ने नए फाइनेंशियल ईयर में एलआईसी का आईपीओ लाने का भी किया ऐलान। इसके अलावा कई सरकारी कंपनियों के विनिवेश का भी ऐलान किया है।
  • बीमा क्षेत्र में एफडीआई की लिमिट अब 74 फीसदी तक बढ़ाने का ऐलान। वित्त मंत्री ने डूबे कर्जों के लिए भी बड़ा ऐलान करते हुए मैनेजमेंट कंपनी बनाने की बात कही है।
  • दो तरह की मेट्रो परियोजनाएं शुरू होंगी। मेट्रो लाइट और मेट्रो नियो। कोच्चि, नागपुर, चेन्नै जैसे कई शहरों के लिए नई मेट्रो परियोजनाओं का हुआ ऐलान।
  • महंगे होंगे मोबाइल। उपकरणों पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी में 2.5 पर्सेंट के इजाफे का ऐलान। इसके अलावा सोने चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है। यही नहीं स्टील पर ड्यूटी कम हुई है।
  • तीन साल पुराने टैक्स के केस अब नहीं खुलेंगे। इससे पहले टैक्स असेसमेंट की सीमा 6 साल थी। इस तरह सरकार ने टैक्सेशन सिस्टम की जटिलता को खत्म करने का प्रयास किया है।
  • इनकम टैक्स के सेक्शन 80EEA के तहत अब छूट को 31 मार्च, 2022 तक लिए गए लोन पर लागू किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि हमने जीएसटी को भी आसान करने के उपाय किए हैं।
  • 75 साल से अधिक की आयु वाले बुजुर्गों को अब इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरना होगा। ऐसे लोगों को यह राहत मिलेगी, जिनकी कमाई का स्रोत सिर्फ पेंशन होगा।
  • चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल के चाय बागान मजदूरों के लिए भी वित्त मंत्री ने 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया है। सूबे में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सड़क परियोजनाओं के लिए भी 25,000 करोड़ के आवंटन का ऐलान किया गया है।
  • देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये के आवंटन का फैसला लिया है। यह रकम डिजिटल पेमेंट के इंसेंटिव के तौर पर खर्च की जाएगी।
  • वित्त मंत्री ने भारत के इतिहास में पहली बार डिजिटल जनगणना कराने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके लिए 3,760 करोड़ रुपये की रकम जारी करने का ऐलान किया है।
  • देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएगा। लेह में नए केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। आदिवासी स्कूलों में एकलव्य स्कूल खोले जाएंगे।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश भर में फसलों की MSP पर खरीद जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने MSP को डेढ़ तक बढ़ाने का काम किया है।
  • अगले साल कई पीएसयू कंपनियों का विनिवेश होगा, इसके लिए कानून बनाए जाएंगे। साल 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य है।
  • 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस रहेगा। आत्मनिर्भर भारत योजना और मेक इन इंडिया जैसी स्कीमों पर फोकस रहेगा।
  • अर्बन क्लीन इंडिया मिशन के लिए सरकार ने 1 लाख 41 हजार करोड़ रुपये के आवंटन का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छता मिशन पर भी 74,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
  • कृषि सेक्टर के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया गया। बीते साल के मुकाबले बड़ा इजाफा। 2020-21 में हुआ था 15 लाख करोड़ के आवंटन।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की फसलों पर लागत से कम से कम डेढ़ गुना ज्यादा रकम देने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये ज्यादा दिए हैं। किसानों को दिए जाने वाले भुगतानों में भी तेजी की गई है।
  • किसान आंदोलन में मंडियां भी एक मुद्दा, इस पर भी बजट में ऐलान

    • दिल्ली के दरवाजे पर आंदोलन कर रहे किसानों को चिंता है कि नए कृषि कानूनों से सरकारी मंडियां खत्म हो जाएंगी। बजट में कृषि कानूनों पर तो कुछ नहीं कहा गया, लेकिन मंडियों का जिक्र जरूर आया।
    • वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों के ई-ट्रेडिंग पोर्टल e-NAM से 1.68 करोड़ किसान जुड़े हैं और 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की ट्रेडिंग करते हैं। अब एक हजार से ज्यादा मंडियों को e-NAM से जोड़ा जाएगा।
    • APMC यानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी की मंडियों के लिए अब एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड भी उपलब्ध होगा ताकि वहां सुविधांए बढ़ाई जा सकें।
    • बजट में इस बार एग्रीकल्चर क्रेडिट ट%