नई दिल्ली। पिछले दिनों कर्नाटक की सियासत में तूफान आ गया था जब येदियुरप्पा सरकार के एक मंत्री का सेक्स सीडी वायरल हो गया था। इस सीडी की वजह से रमेश जरकिहोली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसी के लेकर अब कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर का एक बयान आया है जिसकी वजह से राज्य की सियासत में उबाल आ गया है।
स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा है कि राज्य के सभी विधायकों का ‘मोनोगैमी टेस्ट’ कराया जाना चाहिए ताकि पता लग सके कि कितने लोगों के अवैध संबंध हैं। उनके इस बयान पर विधानसभा में खूब हंगामा हुआ जिस पर मंत्री को सफाई देनी पड़ी। मंत्री ने सफाई देते हुए कहा है कि उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है और यदि कोई आहत हुआ है तो वह इसके लिए दुख जताते हैं।
बुधवार को सुधाकर ने पूर्व मंत्री रमेश जरकिहोली पर लगे आरोपों को लेकर कहा था, ‘कांग्रेस और जेडीएस के वह विपक्षी नेता जो खुद को मर्यादा पुरुषोत्तम और रामचंद्रदास के तौर पर पेश कर रहे हैं, मैं उन्हें एक चुनौती देता हूं। सभी 225 लोग एक जांच का सामना करें और पता चल जाएगा कि कौन एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स है और कौन नहीं। इस टेस्ट में मैं भी शामिल रहूंगा।
बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए सुधाकर ने कहा, ‘हर किसी के कैरेक्टर का पता चल जाएगा कि जब मुख्यमंत्री थे तो किसने क्या कियाथा। हर चीज को सामने आने देना चाहिए। खैर, यह नैतिकता और मूल्यों का प्रश्न है। इसमें मंत्रियों, विधायकों और विपक्षी नेताओं सभी को शामिल करना चाहिए।’
सुधाकर ने के. सिद्धारमैया, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी का नाम लेते हुए कहा कि यदि उनकी अंतरात्मा सही है तो फिर उन्हें इस प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए और जांच के लिए तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि, ‘वे सभी सत्यवादी हरिश्चंद्र हैं। केआर रमेश कुमार, वी मुनियप्पा, शिवकुमार, सिद्धारमैया, कुमारस्वामी, ये सभी मोनोगैमी टेस्ट कराएंगे। मैं उन्हें इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए कहता हूं। सभी 225 लोगों का मोनोगैमी टेस्ट होना चाहिए। सत्य बाहर आ जाएगा। मैं इसके लिए तैयार हूं।’
दरअसल कांग्रेस की ओर से येदियुरप्पा सरकार के 6 मंत्रियों से इस्तीफे की मांग की गई थी। इन मंत्रियों में के. सुधाकर का नाम भी शामिल था। दरअसल सेक्स वीडियो के आरोप में इस्तीफा देने वाले पूर्व मंत्री रमेश जरकिहोली के समर्थन में मंत्रियों ने अदालत में अर्जी दाखिल की थी।