लखनऊ। टीवी पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की मौत मामले पर सियायत गरमा गई है। विपक्षी दलों के नेता प्रदेश की योगी सरकार पर हमलावर हो गए हैं। तो वहीं, कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने इस मामले की सीबीआई जांच करने के लिए प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। साथ ही पत्रकार के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग भी की है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मंगलवार 15 जून को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘उप्र के प्रतापगढ़ में पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव के साथ घटी दुखद घटना दिखाती है कि कानून के राज का इकबाल खत्म हो गया है। जरूरी है कि इस मामले की CBI जांच हो, परिवार को आर्थिक सहायता मिले एवं शराब माफियाओं व प्रशासन के गठजोड़ पर निर्णायक चोट की जाए। मुख्यमंत्री जी को मेरा पत्र।’
प्रियंका गांधी ने पत्र में क्या लिखा…
प्रियंका गांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा, पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की 13 जून की रात संदिग्ध हालत में मृत्यु हो गई। वे एक न्यूज़ कवर करके घर वापस लौट रहे थे। खबरों के अनुसार, वे एक ईंट भट्ठे के पास मृत मिले। उनके सिर पर गहरी चोट के निशान थे।
पत्र में प्रियंका ने लिखा कि 12 जून को सुलभ श्रीवास्तव ने एडीजी प्रयागराज जोन को एक पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने उक्त पुलिस अधिकारी को लिखा कि स्थानीय शराब माफिया अवैध शराब पर उनकी न्यूज़ रिपोर्ट से नाराज हैं और उन्हें अपनी और अपने परिवार की सलामती की चिंता है।
प्रशासन को पत्र भेजे जाने के एक दिन बाद ही संदिग्ध हालातों में वे मृत पाए गए। सुलभ के परिजनों एवं पत्रकार साथियों ने इस मामले की सीबीआई जांच कर सच सामने लाने की मांग की है। उप्र में कई जगहों से जहरीली शराब से हुई मौतों की खबरें आई हैं। अलीगढ़ से लेकर प्रतापगढ़ तक जहरीली शराब के चलते सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
ऐसे में एक पत्रकार द्वारा खबरें दिखाने को लेकर शराब माफियाओं से खतरा होने की आशंका बताती है कि प्रदेश में कानून के राज इकबाल खत्म हो चुका है।
प्रियंका ने पत्र में लिखा कि उप्र में बलिया, उन्नाव समेत कई जगहों पर पहले भी पत्रकारों पर हमले होते आए हैं। मैं आपसे इस मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग करती हूं। प्रदेश भर जड़ जमा चुके शराब माफिया एवं प्रशासन के गठजोड़ पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ पीड़ित परिवार और मृतक के आश्रितों को तुरंत आर्थिक मदद दी जाए।