लखनऊ। बारिश में जर्जर भवनों से बीते वर्षों में हुए हादसों से नगर निगम सबक नहीं ले रहा है। बारिश शुरू हो चुकी है लेकिन अभी सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका है। फिलहाल चिह्नित 221 जर्जर भवन खुद के साथ आसपास के भवनों के लिए खतरा बने हुए हैं। इसमें रह रहे लोगों व भवन स्वामियों को नोटिस भी जारी नहीं किया जा सका है।
नगर निगम ने जो सूची तैयार की है उसमें ज्यादातर पिछले वर्ष चिह्नित जर्जर भवन हैं। पिछले वर्ष कुल जर्जर भवनों की संख्या 187 थी। इस वर्ष शिकायतों के आधार पर 34 भवनों को और जोड़ दिया गया है। सर्वे का कार्य अभी चल रहा है। नोटिस तैयार की जा रही है। जो महज औपचारिक है। पिछले वर्ष जर्जर भवनों के स्वामियों को चेतावनी के साथ नोटिस जारी की गई थी। जिसमें निश्चित समय में जर्जर हिस्से को न तोड़ने की हिदायत थी।
अंतिम सूची अभी तैयार नहीं
जर्जर भवनों की अंतिम सूची अभी नहीं तैयार नहीं हो सकी है। मुख्य अभियंता के कार्यालय से मिली सूचना में जोन एक में जर्जर भवनों की संख्या 71 है जबकि जोन कार्यालय से मिली सूची में जर्जर भवन 75 हैं। बताया गया कि चार दिन में चार मकान और चिह्नित किए गए हैं।
जोन पांच, सात व आठ में नगर निगम को कोई भी जर्जर भवन नहीं मिला है। जबकि जोन दो में 49, जोन तीन में नौ, जोन चार में आठ व जोन छह में 84 भवन चिह्नित किए गए हैं। जर्जर भवनों के संबंध में सोमवार को बैठक हुई है। नगर अभियंताओं को आगामी छह जुलाई तक हर हाल में सभी जर्जर भवनों को चिह्नित करने व उनको नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है। डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त