नई दिल्ली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के जवानों ने 22 हजार 222 फीट ऊंची लियो पारगिल चोटी पर तिरंगा फहराकर रिकॉर्ड बनाया है। यह हिमाचल की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है। 16 जवानों के दल में से 12 को यह कामयाबी मिली। यह अभियान कोरोना महामारी के कारण और भी कठिन हो गया था। इसे कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए पूरा किया गया।
रिकॉर्ड बनाने वाला यह दल 20 अगस्त को आईटीबीपी के शिमला हेडक्वार्टर से रवाना हुआ था। सबसे पहले 31 अगस्त को डिप्टी कमांडेंट कुलदीप सिंह की अगुआई में कांस्टेबल प्रदीप नेगी, काको केदारता, अनिल नेगी और आशीष नेगी चोटी पर पहुंचे। इसी टीम के सात सदस्य मंगलवार दोपहर 11:30 बजे धर्मेंद्र ठाकुर की अगुआई में चोटी पर पहुंचे।
यह सबसे कठिन चढाई वाली चोटियों में शामिल
आईटीबीपी ने कहा, ‘‘लियो पारगिल भारत की सबसे कठिन और तकनीकी चढ़ाई वाली चोटियों में से एक है। यह लाहौल-स्पीती के बाहरी इलाके में है। यहां ऑक्सीजन की कमी, जबर्दस्त ठंड और ऊंचाई पर होने वाली सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।’’
हेड कॉन्स्टेबल प्रदीप को दूसरी बार मिली कामयाबी
इस टीम में शामिल हेड कॉन्स्टेबल प्रदीप नेगी लियो पारगिल पर दूसरी बार पहुंचे। वे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट भी दो बार फतह कर चुके हैं। वे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के छिटकुल गांव के रहने वाले हैं। यह गांव चीन की सीमा से सटा है।
आईटीबीपी पहाड़ पर चढ़ाई के 213 अभियान पूरे कर चुकी
बहुत अधिक ऊंचाई और कड़ाके की ठंड वाले इलाके में तैनात होने की वजह से आईटीबीपी सबसे फिट फौज मानी जाती है। यह अब तक पहाड़ी चोटियों पर चढ़ने के 213 अभियान पूरे कर चुकी है। यह भी अपने आप में रिकॉर्ड है।