किसानों के फायदे का कानून, नए प्रावधान का विरोध क्यों

डॉ. वेदप्रताप वैदिक
किसानों से संबंधित तीन कानूनों के बनने से एक केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल इतनी नाराज हुईं कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वे अकाली दल की सदस्य हैं और पंजाब से सांसद हैं। पंजाब किसानों का गढ़ है। देश में सबसे ज्यादा फसल वहीं उगती है। कुछ पंजाबी किसान संगठनों ने इन तीनों कानूनों को किसान-विरोधी बताया है और वे इनके विरुद्ध आंदोलन चला रहे हैं। कुछ दूसरे प्रदेशों में भी विरोधी दलों ने किसानों को उकसाना शुरू कर दिया है।
वास्तव में ये तीनों कानून इसलिए बनाए गए हैं कि किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा हो। पहले देश के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए जरूरी था कि वे अपनी स्थानीय मंडियों में जाएं और आढ़तियों (दलालों) की मदद से अपना माल बेचें। अब उन पर से यह बंधन हट जाएगा। वे अपना माल सीधे बाजार में ले जाकर बेच सकते हैं।
याने पूरा देश उनके लिए खुल गया है। अब वे स्थानीय मंडियों और आढ़तियों पर निर्भर नहीं रहेंगे। उन्हें न तो अब मंडी-टैक्स देना पड़ेगा और न ही आड़तियों को दलाली! अब उन्हें अपनी फसल की कीमतें ज्यादा मिलेंगी लेकिन फिर भी कुछ किसान इस नए प्रावधान का विरोध क्यों कर रहे हैं? उन्हें डर है और यह डर बिल्कुल सही है। वह यह कि उनकी फसल अब औने-पौने दामों पर बिका करेंगी, क्योंकि बाजार तो बाजार है। वहां दाम अगर उठते हैं तो गिरते भी हैं लेकिन मंडियों में ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ तो मिलना ही है।
किसानों के इस डर को भी कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कल संसद में बिल्कुल दूर कर दिया है। उन्होंने साफ-साफ कहा है कि किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम मूल्य हर हालत में मिलेगा। पंजाब में 12 लाख किसान परिवार हैं और 28000 पंजीकृत आढ़तिए हैं। इसी प्रकार हरियाणा में भी वे बड़ी संख्या में है। हरियाणा सरकार ने तो आढ़तियों पर 26 करोड़ रु. का टैक्स माफ कर दिया है।
यह कानून मोटे तौर पर किसानों के लिए काफी फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। बस, खतरा इसी बात का है कि उनकी फसलों पर देश के बड़े पूंजीपति अग्रिम कब्जा करके बाजार में बहुत मंहगा न बेचने लगें। यह भी असंभव नहीं कि वे किसानों को लालच में फंसाने के लिए अग्रिम पैसा दे दें और फिर उनकी फसलों पर सस्ते में कब्जा कर लें। जरूरी यह है कि इस कानून को लागू करते समय सरकार आगा-पीछा विचार कर ले।
(लेखक सुप्रसिद्ध पत्रकार और स्तंभकार है।)
Advertisement

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here