धारा 370 की बहाली के लिए बना पीपुल्स अलायन्स, फारूक अध्यक्ष, महबूबा उपाध्यक्ष

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली के लिए पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। शनिवार को पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती के श्रीनगर वाले घर पर पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन के सदस्यों ने बैठक की। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को इस गठबंधन का अध्यक्ष और महबूबा मुफ्ती को उपाध्यक्ष बनाने पर सहमति बनी। बैठक में उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए।

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पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने बताया एक महीने में दस्तावेज तैयार किया जाएगा। इसके जरिए हम उन झूठों के पीछे के तथ्य पेश करेंगे, जिनका प्रचार किया जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों को श्रद्धांजलि होगी, जिनकी बदनामी हो रही है।

वहीं, फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह कोई देशविरोधी जमात नहीं है। हमारा मकसद यह तय करना है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के अधिकार बहाल किए जाएं। हमें धर्म के नाम पर बांटने की कोशिशें नाकाम होंगी। यह धर्म की लड़ाई नहीं है।

क्या है गुपकार डिक्लेरेशन

श्रीनगर के गुपकार रोड पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला का घर है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के एक दिन पहले 4 अगस्त, 2019 को आठ स्थानीय दलों ने यहां बैठक की थी। इसमें एक प्रस्ताव पारित किया गया था। उसे ही गुपकार डिक्लेरेशन कहा गया। गुपकार डिक्लेरेशन में आर्टिकल-370 और 35ए की बहाली के साथ ही जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांगा गया है।

सहयोगी दलों के सबसे सीनियर नेता होने के नाते डॉ. फारूक अब्दुल्ला को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। इसकी एक वजह उनकी पार्टी का मजबूत कैडर होना भी है।

गठबंधन में छह पार्टियां शामिल

गुपकार डिक्लेरेशन को अमलीजामा पहनाने के लिए छह दलों ने हाथ मिलाया है। इनमें डॉ. फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली पीडीपी के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और माकपा की स्थानीय इकाई शामिल है।

भाजपा ने कहा, महबूबा को गिरफ्तार किया जाए

महबूबा मुफ्ती के राज्य के झंडे के बहाल न होने तक तिरंगा न उठाने वाले बयान से भड़की भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। भाजपा ने कहा कि धरती पर कोई ताकत नहीं है जो राज्य का झंडा फिर से फहरा सकती है या संविधान के अनुच्छेद-370 को बहाल कर सकती है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि मैं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अनुरोध करता हूं कि वे महबूबा मुफ्ती की टिप्पणी का संज्ञान लें और देशद्रोही कृत्य के लिए उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाएं। इसी मसले पर दिल्ली के एक वकील विनीत जिंदल ने महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

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