नई दिल्ली। देश की खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 7.61% पर पहुंच गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित यह दर सितंबर में 7.27% थी। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) ने गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों में यह बात कही।
खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर पिछले महीने 11 फीसदी से ज्यादा रही। लगातार 7वें महीने खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सुविधाजनक दायरे से ऊपर रही है। सरकार ने RBI को खुदरा महंगाई की दर 2-6 फीसदी के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी है।
गांवों में 7.69% बढ़ी महंगाई, शहरों में 7.40% बढ़ी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई शहरों के मुकाबले गांवों में ज्यादा बढ़ी है। शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर 7.40 फीसदी रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 7.69% फीसदी रही। खाद्य वस्तुओं के मामले में हालांकि शहरों (11.19%) की महंगाई दर गांवों (11.05%) के मुकाबले ज्यादा है।
खुदरा महंगाई क्या होती है
सरकार दो तरह की महंगाई दर जारी करती है- खुदरा महंगाई दर और थोक महंगाई दर। खुदरा महंगाई दर खुदरा कीमत के आधार पर तय की जाती है। सरकार अपनी योजना बनाते समय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी मौद्रिक नीति तय करते समय खुदरा महंगाई दर को ही महत्व देते हैं। खुदरा महंगाई दर बढ़ने का सीधा मतलब यह है कि महंगाई की मार सीधे तौर पर आम आदमी पर पड़ रही है।