भारत सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसका नाम है ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ (PM-SYM)। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखों श्रमिकों को पेंशन की सुविधा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, अब तक 30 करोड़ से अधिक भारतीय नागरिक रजिस्टर हो चुके हैं
योजना के अनुसार, 60 वर्ष की आयु के बाद श्रमिकों को हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी। इस योजना में शामिल होने के लिए श्रमिक की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए, ताकि वे कम से कम 20 वर्षों तक इसमें योगदान कर सकें।
कौन लोग लाभ उठा सकते हैं?
यह योजना विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के कामकाजी वर्ग के लिए बनाई गई है, जैसे कि घर से काम करने वाले, रेहड़ी-पटरी वाले, मिड-डे मील वर्कर्स, ईंट भट्टा मजदूर, मोची, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मजदूर, कृषि मजदूर, निर्माण मजदूर, बीड़ी मजदूर, हथकरघा मजदूर, चमड़ा मजदूर, ऑडियो-विजुअल मजदूर, आदि। ई-श्रम पोर्टल के अनुसार, 31 दिसंबर 2024 तक 30.51 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज:
इस योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक होंगे:
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पहचान पत्र
- मोबाइल नंबर
- पत्र व्यवहार का पता
- आय प्रमाण पत्र
साथ ही, आवेदक की मासिक आय 15,000 रुपये से कम होनी चाहिए। यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके पति या पत्नी को 50% पेंशन प्राप्त होती है।
कितना योगदान करना होगा?
योजना में शामिल होने के लिए, अगर कोई श्रमिक 18 वर्ष की आयु में 55 रुपये प्रति माह जमा करता है, तो उसे 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन मिलेगी। यदि आप 29 वर्ष की आयु में इस योजना में शामिल होते हैं, तो आपको 100 रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। और यदि आप 40 वर्ष की आयु में इस योजना में शामिल होते हैं, तो आपको 200 रुपये प्रति माह जमा करने होंगे। फिर भी, पेंशन की राशि वही 3,000 रुपये ही रहेगी।