92 साल बाद 2.51 करोड़ रुपए में बिकी ब्रैडमैन की डेब्यू टेस्ट कैप

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के लीजेंड बैट्समैन सर डोनाल्ड ब्रैडमैन (डॉन ब्रैडमैन) की डेब्यू टेस्ट कैप नीलाम हो गई। ऑस्ट्रेलिया के ही एक बिजनेसमैन ने उनकी पहली बैगी ग्रीन टेस्ट कैप 3,40,000 यूएस डॉलर (करीब 2.51 करोड़ रुपए) में एक ऑक्शन में खरीदी। सर ब्रैडमैन ने 1928 में अपना डेब्यू मैच खेला था।

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यह क्रिकेट की किसी भी यादगार वस्तु को खरीदने के लिए दूसरी सबसे ज्यादा कीमत दी गई है। ऑस्ट्रेलिया के ही शेन वॉर्न की टेस्ट कैप 7,60,000 यूएस डॉलर (करीब 5.61 करोड़ रुपए) में बिकी थी। वॉर्न ने 2006 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था।

ऑस्ट्रेलिया के फ्रीडमैन ने खरीदा कैप

ऑस्ट्रेलिया के बिजनेसमैन और रोड माइक्रो-फोन्स के फाउंडर पीटर फ्रीडमैन ने सर ब्रैडमैन के डेब्यू कैप को खरीदा। फ्रीडमैन ने ही इस साल निर्वाना के फ्रंट मैन कर्ट कोबेन के गिटार को 6.8 मिलियन यूएस डॉलर (करीब 50 करोड़ रुपए) में खरीदा था।

फ्रीडमैन ने डेब्यू कैप खरीदने के बाद कहा, ‘सर ब्रैडमैन महान खिलाड़ी हैं। वे क्रिकेट के साथ-साथ सभी स्पोर्ट्स को मिलाकर दुनिया के सबसे बेहतरीन एथलीट्स में से एक हैं। वे ऑस्ट्रेलिया के लिए एक आइकन भी हैं। मैं इस कैप को खरीदकर बेहद खुश हूं।’

क्रिमिनल एक्टिविटी से बचाने के लिए कैप नीलाम की गई

सर ब्रैडमैन की डेब्यू कैप को नीलाम करने की सबसे बड़ी वजह क्रिमिनल एक्टिविटी से इसको बचाना रहा। ब्रैडमैन ने 1959 में इस कैप को अपने एडिलेड के पड़ोसी डनहम को गिफ्ट की थी। 2020 में डनहम को फ्रॉड के आरोप में 8 साल की जेल हुई। डनहम पर इन्वेस्टर्स से 1 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (करीब 5.6 करोड़ रुपए) का आरोप था। इसके बाद ब्रैडमैन के कैप को बेचने और उससे अकाउंटेंट के पैसे चुकाने की भी कोशिश की गई।

सर ब्रैडमैन ने 1928 में खेला था पहला मैच

सर ब्रैडमैन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 30 नवंबर, 1928 को ब्रिस्बेन में इंग्लैंड के खिलाफ अपना डेब्यू मैच खेला था। पहले मैच की दोनों पारी मिलाकर उन्होंने 19 रन बनाए थे। डेब्यू मैच की पहली पारी में 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 18 रन और दूसरी पारी में ओपनिंग करते हुए 1 रन बनाए थे।

सर ब्रैडमैन ने 1949 में क्रिकेट को कहा अलविदा

सर ब्रैडमैन ने 1928 से लेकर 1948 तक, 20 साल में 52 टेस्ट मैच खेले। उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन बैट्समैन भी कहा जाता है। 1949 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उन्होंने 52 टेस्ट में 99.94 की औसत से 6,996 रन बनाए। उन्होंने अपने करियर में 29 सेंचुरी लगाईं।

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