गढ़वा। साइबर अपराधियों ने अब सरकारी खजाने में भी सेंध लगानी शुरू कर दी है। गढ़वा जिले के विशेष भू-अर्जन विभाग के खाते से क्लोन (नकली) चेक के जरिए दो घंटे में 10 करोड़ रुपए निकाल लिए। यह रकम बराज विस्थापितों को बांटी जानी थी। जिला समन्वय समिति की बैठक में विधायक भानुप्रताप शाही के सवाल पर यह खुलासा हुआ। अब CBI मामले की जांच कर रही है।
नवंबर 2019 में ही निकाल ली रकम
जल संसाधन विभाग 41 करोड़ की लागत से जिले के खराैंधी ब्लॉक में डोमनी नदी पर 6.6 किमी लंबा बराज बना रहा है। बराज के कारण विस्थापितों को मुआवजा देने के लिए विशेष भू-अर्जन विभाग के खाते में यह रकम भेजी गई थी। लेकिन नवंबर 2019 में साइबर अपराधियों ने फर्जी चेक के जरिए ये रकम निकाल ली। जिला समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में विधायक ने मुआवजे का मुद्दा उठाया तो कधवन बांध प्रबंधन के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर आफताब आलम ने फर्जीवाड़े का खुलासा किया। कहा कि जांच चल रही है। ऐसे में लोगों काे भुगतान नहीं किया जा सकता।
खुलासे में यह भी सामने आया कि साइबर अपराधियाें ने SBI की मेदिनीनगर शाखा से पहले 9 करोड़ निकाले, फिर एक करोड़ रुपए निकालकर राशि पुणे ट्रांसफर कर दी।
2013 में बराज का शिलान्यास हुआ था
झारखंड सरकार ने डोमनी नदी पर बराज बनाने की अनुमति दी थी। 30 जुलाई 2013 को तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने शिलान्यास किया था। बराज की चाैड़ाई 58 मीटर, ऊंचाई 14 मीटर निर्धारित है।
ऐसे होता है क्लोन चेक से फर्जीवाड़ा
साइबर एक्सपर्ट दीपक कुमार ने बताया कि ठग, चेक क्लोनिंग के लिए बैंक अकाउंट, अफसर के दस्तखत, चेक बुक की डिटेल्स जुटाते हैं। फिर उसी बैंक में किसी अन्य की चेक बुक जुगाड़ते हैं। उसे कैमिकल से साफकर चेक में डिटेल्स भर प्रिंट कर लेते हैं। इस तरह क्लोन चेक तैयार हो जाता है। भुनाने से पहले आवेदन देकर खाताधारी का मोबाइल नंबर भी हटवा देते हैं।
नेता बोले- लूट में अफसर-बैंक की मिलीभगत
पलामू के सांसद वीडी राम ने कहा कि साइबर अपराधियों ने लोगों की मुआवजे की रकम उड़ा दी। विभागीय अफसर, कर्मचारी और बैंक की मिलीभगत के बिना ऐसा घाेटाला नहीं हाे सकता। मामले की CBI जांच चल रही है। घाेटालेबाज जल्द पकड़े जाएंगे। वहीं, भवनाथपुर विधायक भानुप्रताप शाही ने कहा कि विस्थापितों के लिए जिला प्रशासन से राशि की रिकवरी की मांग की गई है।
गढ़वा के डिप्टी कमिश्नर राजेश कुमार पाठक ने कहा कि विभागीय स्तर पर जांच के लिए कमेटी बनाई जा रही है। मेदिनीनगर में विभाग और बैंक के अधिकारी-कर्मचारियों पर केस दर्ज कराया गया है।