श्रीकृष्ण जन्मभूमि : सेवायत की याचिका स्वीकार, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत 4 को नोटिस

अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि विवाद सुप्रीम कोर्ट से सुलझने के बाद अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का विवाद गहराता जा रहा है। शनिवार को अपर जिला जज-6 (ADJ-6) देवकांत शुक्ला की अदालत ने पवन शास्त्री की याचिका स्वीकार कर ली और अगली सुनवाई के लिए 8 मार्च की तारीख दी है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट समेत चार प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है।

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बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले में अब तक पूर्व में तीन वाद दायर हो चुके हैं। लेकिन अब तक सभी वाद भगवान श्रीकृष्ण के भक्त की हैसियत से दायर किया गया था, यह पहला वाद है जिसे सेवायत की ओर से दायर किया है।

याची का तर्क, कोर्ट ने दो दिन पहले रखा था फैसला सुरक्षित
याचिकाकर्ता पवन शास्त्री ने अपने आपको प्राचीन ठाकुर केशव देव जी महाराज विराजमान मंदिर का सेवायत बताते हुए 4 फरवरी को ADJ-6 की अदालत में याचिका दायर की थी। जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन में बने अवैध अतिक्रमण को हटाने की मांग की गई। साथ ही पूर्व में हुए समझौते को गलत बताया गया। जिस पर अदालत ने सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और अगली तारीख 6 फरवरी दी थी।

याचिकाकर्ता ने कहा कि शाही मस्जिद ईदगाह की 13.37 एकड़ जमीन पहले ठाकुर केशवदेव की ही थी। लेकिन श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट से समझौता कर लिया। ये पूरी तरह से गलत है। हम ठाकुरजी के सेवायत हैं। इसलिए मस्जिद हटाकर पूरी जमीन ठाकुर केशवदेव महाराज को दी जाए।

पवन ने इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मसेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने पवन शास्त्री की याचिका स्वीकार कर ली है। सभी 4 विपक्षियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।

इन याचिकाओं पर चल रही सुनवाई
श्रीकृष्ण जन्मभूमि के विवाद में पवन शास्त्री के अलावा तीन और वाद दायर हैं। सबसे पहले 25 सितंबर को लखनऊ निवासी हाईकोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री व श्रीकृष्ण विराजमान समेत 8 वादियों ने याचिका दायर की थी। इसके बाद 15 दिसंबर को हिंदू आर्मी के अध्यक्ष मनीष यादव ने खुद को श्रीकृष्ण का वंशज बताते हुए वाद दायर किया।

तीसरा वाद अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर कर रखा है। श्रीकृष्ण विराजमान व मनीष यादव की याचिका स्वीकार की जा चुकी है।

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