पंचायत चुनाव : तो इस बार चार श्रेणियों में होंगे मतदान केंद्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी दिन पर दिन बढती जा रही हैं।इस बार के पंचायत चुनाव में बहुत कुछ ऐसा होगा जो पहली बार देखने को मिलेगा। हालांकि अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन चुनाव को लेकर गांव ही नहीं सरकारी दफ्तरों में सरगर्मी बढ़ी हुई है। इस बीच पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग मतदान केन्द्रों को लेकर नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में हैं।

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दरअसल इस बार के पंचायत चुनाव में आयोग ने मतदान केन्द्रों को 4 श्रेणियों में विभाजित किया है। इसमें असंवेदनशील, संवेदनशील, अतिसंवेदनशील और अतिसंवेदनशील प्लस श्रेणियों में बांटा गया है।जबकि पिछले चुनाव में 3 श्रेणियां थीं, इस बार अतिसंवेदनशील प्लस श्रेणी को जोड़ा गया है।

इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ऐसे मतदान केन्द्रों की सूची जिला प्रशासन से तैयार करा रहा है, जहां बीते 2 बार से हुए पंचायत चुनाव के दौरान मारपीट, बूथ कैप्चरिंग और बवाल हुए हैं। इन मतदान केन्द्रों पर राज्य निर्वाचन आयोग काफी सख्त हो गया है। इन मतदान केन्द्रों को पहली बार अतिसंवेदनशील प्लस की श्रेणी में रखा जाएगा।

निर्वाचन आयोग से निर्देश मिलने के बाद जिला प्रशासन ने ऐसे मतदान केन्द्रों को चिन्हित कर लिया है। इसमें अभी तक  9 मतदान केन्द्र को चिन्हित किया गया है, जहां पिछले पंचायत चुनाव में 4 ग्राम प्रधान और 5 क्षेत्र पंचायत सदस्य के मतदान के दौरान गड़बड़ी और बवाल होने के बाद दोबारा पुनर्मतदान हुआ था।

इस बार होंगी 4 श्रेणियां

राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदान केन्द्रों को 4 श्रेणियों में बांट दिया हैं। इसमें असंवेदनशील, संवेदनशील, अतिसंवेदनशील और अतिसंवेदनशील प्लस है। जबकि पिछले पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग ने सिर्फ तीन श्रेणियों असंवेदनशील, संवेदनशील, अतिसंवेदनशील में बांटा गया था।

इनको शामिल किया गया अतिसंवेदनशील प्लस  में 

निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से मिले डाटा केअनुसार, बीडीसी चुनाव में भी बवाल के चलते सागीपुर ब्‍लॉक के राजमतिपुर, रामपुर संग्रामगढ़ के गौरा पूरेछेमी, शिवगढ़ के दहरकला, आसपुर देवसरा के स्वेतापुर, सागीपुर के असाव मतदान केन्द्र पर बीडीसी पद के लिए पुनर्मतदान कराना पड़ा था।

इन सभी मतदान केन्द्रों को जिला प्रशासन ने चिन्हित कर अतिसंवेदनशील प्लस में डालने की तैयारी में हैं। इससे बावलियों पर नकेल कसी जा सके और पंचायत चुनाव सुचारू और शांतिपूर्ण ढंग से कराया जा सके।

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