हार-जीत जीवन का हिस्सा, हमें ऐसा नहीं करना चाहिए : गीता फोगाट

नई दिल्ली। भारत की स्टार महिला पहलवान बबीता फोगाट और गीता फोगाट की ममेरी बहन रितिका फोगाट ने एक कुश्ती टूर्नामेंट में मैच हारने के बाद आत्महत्या कर ली है। उनके इस कदम से राष्ट्रमंडल खेलों-2010 में भारत को महिला वर्ग में कुश्ती में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाली गीता फोगाट बेहद दुखी हैं और उन्होंने कहा है कि हार-जीत खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा होता है और किसी भी खिलाड़ी को ऐसे कदम नहीं उठाना चाहिए।

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गीता फोगाट ने टिवटर पर लिखा, “भगवान मेरी छोटी बहन मेरे मामा की लड़की रितिका की आत्मा को शांति दे। मेरे परिवार के लिए बहुत ही दुख की घड़ी है। रितिका बहुत ही होनहार पहलवान थी। पता नहीं क्यों उसने ऐसा कदम उठाया। हार-जीत खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा होता है हमें ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिये।”

17 साल की रितिका ने राजस्थान के भरतपुर के लोहागढ़ स्टेडियम में आयोजित स्टेट लेवल सब जूनियर टूनार्मेंट में हिस्सा लिया था। इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में रितिका एक अंक से हार गईं थी और इस हार से निराश होकर उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

खबरों के मुताबिक, रितिका ने बुधवार रात करीब 11 बजे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने फूफा और द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच महाबीर फोगाट से कुश्ती की ट्रेनिंग ली थी। महाबीर भी फाइनल के दिन मुकाबले के समय मौजूद थे।

रितु फोगाट ने रितिका की मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने टिवटर पर लिखा, “छोटी बहन रितिका की आत्मा को भगवान शांति दे। मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि आपके साथ क्या हुआ। आप हमेशा हमें याद आएंगी।”

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