कोरोना को लेकर क्या चीन ने दुनिया के वैज्ञानिकों को धोखा दिया

नई दिल्ली। भारत ही नहीं पूरे विश्व में कोरोना का कहर अब भी जारी है। आलम तो यह है कि कोरोना के नए-नए म्यूटेंट आने से लोगों  में खौफ का माहौल है। लोग इस वजह से काफी परेशान है। हालांकि लोग आज भी जानना चाहते हैं कि आखिर कोरोना कहा से आया। ऐसा कहा जाता है कि कोरोना सबसे पहले चीन में पाया गया था और वहां से पूरी दुनिया में फैला है।

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हालांकि चीन ने कभी भी इस मामले में कोई ठोस जवाब नहीं दिया है। उधर चीन कोरोना की वजह से पूरे विश्व में घिरता नजर आ रहा है।

दूसरी ओर समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट भी चीन पर सवाल उठा रही है। दरअसल स्काई न्यूज ने एक शो आयोजित किया था। इस शो में फ्लिंडर्स मेडिकल सेंटर में एंडोक्राइनोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर निकोलाई पेत्रोवस्क में शामिल थे और उनसे बातचीत की थी ऑस्ट्रेलिया के होस्ट एंड्रयू बोल्ट ने।

इस बातचीत में चीन को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। प्रोफेसर पेत्रोवस्की ने शो में यहां तक कह डाला कि चीन ने विश्व के वैज्ञानिक समुदाय को धोखा दिया था। शो के होस्ट बोल्ट ने कहा कि अब वास्तव में ऐसा लग रहा है कि यह वायरस शायद चीन की उस लैब से निकला है और अब चीन के पसीने छूट रहे हैं।

इतना ही नहीं विश्व के वैज्ञानिक कोरोना महामारी की जड़ में जाने के लिए और अधिक स्पष्टता की मांग भी अब करने लगे हैं। ऐसे में चीन की खामोशी भी अब उसपर भारी पड़ती नजर आ रही है और कोरोनाकी उत्पत्ति की जांच को लेकर चीन पर अब अच्छा खासा दबाव देखा जा सकता है।

अमेरिका लगातार जांच की कोशिशों में जुटा हुआ है और वहां के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुफिया विभाग कोरोना को लेकर 90 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चाहता है कि कोरोना की उत्पत्ति को लेकर जांच जल्द ही फिर से शुरू हो।

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