नए आईटी नियमों से नहीं बचेंगे चैनल-अखबारों के डिजिटल प्लेटफॉर्म, सरकार ने ठुकराया अनुरोध

नई दिल्ली। पिछले महीने ही सरकार ने नए आईटी नियम लागू किए हैं। भारत सरकार के नए आईटी नियम को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों से काफी विवाद भी हुआ, हालांकि सभी ने नए नियम को अपने प्लेटफॉर्म पर लागू कर लिया है। नए नियम के आने के बाद नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने टीवी चैनलों और अखबारों के डिजिटल प्लेटफॉर्म को नए नियमों से बाहर रखने का अनुरोध किया था जिसे सरकार ने ठुकरा दिया है।

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ऐसे में अब टीवी चैनलों और अखबारों के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी नए आईटी नियम लागू होंगे। एनबीए ने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा था कि ये प्लेटफॉर्म पहले से ही कई तरह के नियमों से जकड़े हुए हैं, ऐसे में एक और नया नियम इन पर लागू करना सही नहीं रहेगा।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय ने एनबीए के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि नए नियम से किसी के ऊपर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं बढ़ने जा रहा है और इन्हें नए नियम के दायरे में लाने में कुछ भी गलत नहीं है। मंत्रालय का कहना है कि कानून में किसी तरह के अपवाद को शामिल उचित नहीं है। इसलिए नए नियम सभी पर समान रूप से लागू होंगे।

मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि जब किसी डिजिटल समाचार प्रकाशक की कोई भी न्यूज ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित की जाती है तो ऐसे कंटेंट उस प्लेटफॉर्म की नियामक की जिम्मेदारी से बाहर होगी, हालांकि अगर किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म को इस तरह की खबरों या कंटेंट को लेकर कोई शिकायत मिलती है तो वह इस मामले को उस खबर से संबंधित प्रकाशक को ट्रांसफर कर सकता है।

नए नियम का डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर क्या होगा असर?
केंद्र सरकार के नए आईटी नियम के मुताबिक शिकायत के 24 घंटे के भीतर डिजिटल प्लेटफॉर्म को आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा। इसके अलावा एक नोडल अधिकारी और रेसिडेंट ग्रीवांस अधिकारी को नियुक्त करना होगा जो कि भारत का ही होगा। इन दोनों अधिकारियों को 15 दिनों के अंदर शिकायतों का निपटारा करना होगा। इसके अलावा प्लेटफॉर्म्स को हर महीने सरकार को रिपोर्ट देनी होगी कि उसे महीने कितने शिकायतें मिलीं और कितनों का निपटारा हुआ।

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